चंबल में भाजपा के लिए बागी बने सिरदर्द; दो दिग्गजों ने छोड़ी पार्टी, कितना असर?
ऐप पर पढ़ें
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों को बागियों की चुनौती से दो-चार होना पड़ रहा है। ऐसे में जब चुनाव में 1 महीने से कम का समय बचा है बागी अपनी पार्टियों के खिलाफ ताल ठोंकते नजर आ रहे हैं। इसी कड़ी में भाजपा को ग्वालियर-चंबल (Gwalior Chambal) अंचल में बड़ा झटका लगा है। पूर्व विधायक मुन्ना सिंह भदोरिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को सौंपा। भदौरिया भाजपा से 1990 और 1998 में विधायक रह चुके हैं। पूर्व विधायक रसाल सिंह ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया है।
मुन्ना सिंह भदोरिया जिला टीकमगढ़ के प्रभारी के पद पर काम कर रहे थे। वह बीज निगम के अध्यक्ष भी रहे चुके हैं। उन्होंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को एक लाइन का त्यागपत्र भेजा है। मुन्ना सिंह भदोरिया अटेर विधानसभा से टिकट मांग रहे थे। वहीं भाजपा के पूर्व विधायक रसाल सिंह ने भी पार्टी छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया है। रसाल सिंह ने भिंड में लहार विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे थे। उन्होंने कहा कि नतीजा कुछ भी हो वह बसपा का साथ नहीं छोड़ेंगे।
कांग्रेस के लिए भी बागी सिरदर्द बने हुए हैं। रायसेन जिले के बेगमगंज के कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष रवि शर्मा ने पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है। उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के समक्ष मुख्यमंत्री निवास पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर रायसेन जिले के एक हजार से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अंगवस्त्र पहनाकर पार्टी में स्वागत किया। माना जा रहा है कि ये सभी बागी दोनों दलों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकते हैं।