MP Election Survey: एमपी के इन क्षेत्रों में बीजेपी को फायदा, दो में कांग्रेस को बंपर बढ़त; इस रीजन में कांटे की टक्कर
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MP India Tv CNX Opinion Poll: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लाइट तारीखों का ऐलान हो चुका है। इस चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी का फोकस उन विधानसभा सीटों पर ज्यादा है जहां 2018 में हार मिली थी। ऐसे में बीजेपी ने कई सीटों सांसदों को मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस अपनी रणनीति पर काम कर रही है। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए इंडिया टीवी सीएनएक्स का सर्वे सामने आया है जिसमें बीजेपी और कांग्रेस दोनों को झटका लगता दिख रहा है। सर्वे में दोनों कांटे की टक्कर देते नजर आ रहे हैं। वहीं, कई ऐसे इलाके हैं जहां पार्टी को झटका लग रहा है। महाकौशल, विंध्य और मध्य भारत में बीजेपी को फायदा हो रहा जबकि कांग्रेस को नुकसान हो रहा है।
एमपी चुनाव में प्रदेश बघेलखंड की 51 सीटों में से बीजेपी को 31 सीटें मिलती दिख रही हैं, जबकि कांग्रेस को 19 और अन्य को एक सीट मिल सकती है। इसके अलावा भोपाल की 24 सीटों में से बजी को 16 सीटें और कांग्रेस को बाकी 8 सीटें मिल सकती है। चंबल की 34 सीटों में से कांग्रेस को 22 सीटें मिल सकती है, जबकि बीजेपी को बाकी 12 सीटें मिल सकती है। महाकौशल की 47 सीटों में से कांग्रेस को 26 सीटें मिल सकती है, जबकि बीजेपी को 19 सीटें और अन्य को 2 सीटे मिल सकती है। प्रदेश की मालवा की 46 सीटों में से बीजेपी को 25 सीटें मिल सकती है, जबकि कांग्रेस को 20 सीटें और बची एक सीट अन्य को मिल सकती है। निमाड़ की 28 सीटों में से कांग्रेस को 15 सीटें, बीजेपी को 12 सीटें और बची एक सीट अन्य को मिल सकती है।
इंडिया टीवी सीएनएक्स के ओपिनियन पोल के मुताबिक इस बार भी साल 2018 जैसी स्थिति बन सकती है। इस बार मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर है। ओपिनियन पोल के मुताबिक इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी बहुमत के आंकड़े के करीब जाती हुई दिख रही है। बीजेपी को 115, कांग्रेस 110 और अन्य को 5 सीटें मिल सकती है। वहीं, इस सर्वे के मुताबिक, पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार बीजेपी का वोट शेयर बढ़ सकता है। वहीं, भोपाल रीजन की 24 सीटों में से बीजेपी के हाथ 16 सीट आ सकतीं है। जो पिछले बार की तुलना में ज्यादा है। इसके अलावा चंबल में बीजेपी को इस बार भी नुकसान झेलना पड़ सकता है, यहां ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनाव लड़ने या नहीं लड़ने का कोई असर नहीं दिख रहा।