मध्यप्रदेश

Indian art and Culture भारतीय कला एवं संस्कृति को सृद्ढ बनाने को लेकर सांसद सुधीर गुप्ता ने लोकसभा में किया प्रश्न Good Job No.1

भारतीय कला एवं संस्कृति को सृद्ढ बनाने को लेकर सांसद सुधीर गुप्ता ने लोकसभा में किया प्रश्न

मंदसौर। Indian art and culture भारतीय कला एवं संस्कृति को सृद्ढ बनाने को लेकर सांसद सुधीर गुप्ता ने लोकसभा में किया प्रश्न। सांसद सुधीर गुप्ता ने भारतीय संस्कृति, लोककला आदि को सृद्ढ  बनाने को लेकर लोकसभा में प्रश्न किया। सांसद गुप्ता ने प्रश्न  करते हुए कहा कि सरकार द्वारा दिल्ली के लाल किले में भारतीय कला, वास्तुकला और डिजाइन द्विवार्षिक 2023 का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन का क्या उदेश्य है।

इससे भारतीय कला को किस प्रकार सृद्ढ़ बनाया जा सकता है।भारतीय कला एवं संस्कृति इस आयोजन में क्या कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है और उनके लक्ष्य और उदेश्य क्या है। साथ ही इस आयोजन में कितना व्यय किया जा रहा है। उन्होने कहा कि  सरकार द्वारा इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए देश भर से कलाकारों और क्यूरेटरों को आमंत्रित किया है ।

Indian art and Culture भारतीय कला एवं संस्कृति
Indian art and Culture भारतीय कला एवं संस्कृति

 

प्रश्न के जवाब में संस्कृति, पर्यटन एवं पूर्वाेत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बताया कि लाल किला, दिल्ली में 9 से 15 दिसम्बर, 2023 तक भारतीय कला, वास्तुकला डिजाइन द्विवार्षिकी, 2023 का आयोजन किया जा रहा है जिसका उद्घाटन कार्यक्रम 8 दिसम्बर, 2023 को आयोजित किया गया। यह जनता के लिए 31 मार्च 2024 तक खुला रहेगा।
इस द्विवार्षिकी का अभिकल्पन कलाकारों, वास्तुकारों, डिजाइनरों, फोटोग्राफरों, संग्रहकों, कला पारखियों, क्यूरेटरों, कला व्यावसायिकों, गैलरिस्ट, शैक्षणिक संस्थाओं, शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों और युवाओं के बीच समग्र रूप से वार्तालाप की पहल करने के उद्देश्य से किया गया ताकि सांस्कृतिक संवाद को सुदृढ़ किया जा सके और उन्हें नये मौके और अवसर प्रदान किए जा सकें।

भारतीय कला एवं संस्कृति

उन्होने बताया कि यह एक वैश्विक सांस्कृतिक पहल है और संस्कृति मंत्रालय का प्रमुख कार्यक्रम है। सरकार ने पूरे देश से कलाकारों और क्यूरेटरों को आमंत्रित किया है जिनका विवरण अनुलग्नक पर दिया गया है। साथ ही सम्पर्क के लिए सांस्कृतिक स्थान और रचनात्मक उद्योगों को सुदृढ करना और वैश्विक सांस्कृतिक कूटनीति के लिए कलाओं का लाभ उठाना।

भारतीय कला एवं संस्कृति उन्होने बताया कि इस आयोजन के उदेश्य आयु, जैंडर और विधाओं से परे पारंपरिक, जमीनी स्तर के कारीगरों और समकालीन डिजाइनरों, क्यूरेटरों और विचारकों को प्रदर्शित करना। प्राचीन, आधुनिक, समकालीन और तकनीकी प्रधान कला, वास्तुकला और डिजाइन के क्षेत्रों में हमारे देश में उपलब्ध सर्वाेत्कृष्ट पहलुओं का कीर्तिगान करना। उक्त कार्यक्रम के आयोजन पर कुल 20 करोड़ रुपये (लगभग) का व्यय किया गया है

#भारतीय कला एवं संस्कृति, #भारतीय कला एवं संस्कृति, #Indian art and culture, #Indian art and culture

यह भी पढ़ें : विकसित भारत संकल्प यात्रा का प्रभावी संचालन किया जाए : कलेक्टर श्री दिनेश जैन 

 

Conclusion:  MP Sudhir Gupta asked a question in the Lok Sabha regarding strengthening Indian art and culture. MP Sudhir Gupta asked a question in the Lok Sabha regarding strengthening Indian culture, folk art etc. MP Gupta, while questioning, said that the Indian Art, Architecture and Design Biennale 2023 is being organized by the government at the Red Fort in Delhi. What is the purpose of this event? Indian art and culture

Raw Banana Benefits

How can Indian art be strengthened by this? What programs are being organized in this event and what are their goals and objectives. Also how much is being spent on this event. He said that the government has invited artists and curators from across the country to participate in this program. Indian art and culture

भारतीय संस्कृति क्या हैं

क्या अच्छे कपड़े पहनना, अच्छी तरह बोलना, अच्छी तरह बैठना, तथा अच्छी तरह व्यवहार करना भारतीय संस्कृति हैं?

जी नहीं, दोस्तों केवल यही भारतीय संस्कृति नहीं है।

इन सभी के साथ आध्यात्मिक ज्ञान का होना भारतीय संस्कृति है।

जिस प्रकार छोटे बच्चे को बचपन में सत्य निष्ठा, ईमानदारी, धर्म निष्पक्षता, बाकी बातों का आत्मज्ञान कराया जाता है वही संस्कृति है और बिल्कुल ऐसी संस्कृति भारतीय संस्कृति है।

पश्चिमी संस्कृति में आपको अच्छी तरह बोलने वाले मिल जाएंगे, बहुत अच्छी तरह बैठने वाले मिल जाएंगे और अच्छी-अच्छी बातें करने वाली भी मिल जाएंगे लेकिन शायद आत्मज्ञान कहीं ना मिलेगा।

इसलिए भारतीय संस्कृति को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ माना गया है।

भारतीय संस्कृति इतनी प्रभावशाली है कि विदेशी व्यक्ति अपने आप इसकी तरह आकृषित होते जा रहे है।

ललित कला अकादमी

जिस प्रकार आज से करीब 500-1000 वर्ष पहले राजा महाराजाओं द्वारा कला व संस्कृति का रखरखाव किया जाता था तथा बढ़ावा दिया जाता था।

उसी प्रकार का कार्य वर्तमान में ललित कला अकादमी करती है।

 

भारतीय कला को संजो कर रखने के लिए तथा साथ ही उसको बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा सन 1954 में ललित कला अकादमी की स्थापना नई दिल्ली में की गई।

 

इसका मेन हेड क्वार्टर दिल्ली में है तथा लखनऊ, कोलकाता, चेन्नई, भुवनेश्वर आदि जगहों पर इसके राष्ट्रीय केन्द्र स्थापित किये गये।

ललित कला अकादमी द्वारा पेंटिंग मूर्ति कला, तथा चीनी मिट्टी कलाओं के लिए प्रयोग शालाएं निर्मित की गई है तथा कलाकारों प्रोत्साहित करने के लिए उनकी प्रतिभा को सुधारने के लिए तथा मंच पर लाने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं बरसा कराती रहती है।

कलाकारों को इनामी राशि के रूप में 50-50 हजार रुपये के 15 से अधिक राष्ट्रीय पुरुस्कार वितरित किये जाते हैे।

भारत के नृत्य

भारत में नृत्य कला का विकास आज से लगभग 2500 वर्ष पुराना है पूर्व से ही नृत्य कला भारत की विशेषता का अंग रही है, जिसमें कत्थक, लोकनृत्य आते हैं, आइये सूची के माध्यम से समझते हैं भारतीय नृत्यों को।

क्रमांक राज्य का नाम सम्बधित लोकनृत्य
1. केरल कथकली (शास्त्रीय), मोहनीअट्टम, कालीअट्टम, पादयानी, ओट्टम
2. उत्तरप्रदेश रासलीला, नौंटकी, कजरी, चाचरी, जैता
3. जम्मू-कश्मीर हिकात, मंदजास, कूद, दण्डीनाच, दमाली आदि
4. पंजाब भागड़ा, धमान, डफ, गिध्दा आदि
5. कर्नाटक कर्गा, लाम्बी, वीरगास्से, यक्षगान
6. उत्तराखण्ड गढ़वाली, कुमायूँ, कजरी, झोरा, रासलीला, चपादी
7. छत्तीसगढ़ करमा, झूमर, डागला, पाली, टपाली, गौड़ी, पण्डवारी, नवारानी, दिवारी।
8. आन्ध्रप्रदेश कुचिपुड़ी (शास्त्रीय), घंटामर्दाला, मोहिनीअट्टम (शास्त्रीय) , सिध्दी मधुरी, छड़ी
9. गुजरात गरबा, डाण्डिया, भवई, रासलीला, लास्या, पणिहारी आदि
10. तमिलनाडु भरतनाट्यम (शास्त्रीय), कुमी, कोलट्टम, कावड़ी आदि।
11. मिजोरम खानट्म, पाखुपिला, चेरोकान आदि
12. नागालैंड चोंग, खैंवा, नुरालीम, लीम आदि।
13. झारखण्ड सरहुल, छऊ, करमा, डांगा, जट-जटनि
14. हिमाचल प्रदेश धमान, छपेली, महायू, डफ, थाली, चम्बा, डांगी, नटी
15. असम बिहू, बिछुआ, नटपूजा, महारास, खेल गोपाल, झुमुरा होब्जानाई, कलिगोपाल, नागानृत्य आदि।
16. मणिपुर मणिपुरी (शास्त्रीय), राखाल, नटरास, महारास, राँखत आदि।
17. पं0 बंगाल काठी, गम्भीरा, ढाली, जात्रा, कीर्तन, मरसिया, बाउल आदि।
18. ओडिशा ओडिसी (शास्त्रीय ), सवारी, घूमरा, पैंका, मुणरी, छऊ, अया।
19. महाराष्ट्र लावणी, तमाशा, कोली, गफा, लेझिम, नकटा, बोहदा, गौरीचा, ललिता, मौनी, पोवाड़ा आदि
20. गोवा माण्डी, झागोर, खोल, ढकनी आदि।
21. राजस्थान झूमर, घापाल, फूँदी, पनिहारी, जिन्दाद, नेजा, गणगौर आदि
22. मेघालय बांगला, लाहो आदि।
23. अरुणाचल प्रदेश युध्द नत्य व मुखौटा नृत्य, नग्न नत्य आदि।

भारतीय शास्त्रीय संगीत

भारतीय शास्त्रीय संगीत व लोक संगीत विश्व प्रसिद्ध कला है।

संगीत को माँ सरस्वती का वरदान माना गया है तथा यह माँ सरस्वती के वीणा से उत्पन्न ध्वनि से इस कला की शुरुआत मानी जाती है।

संगीत के महत्वपूर्ण सात स्वर – स, रे, गा, मा, प, ध, नि हैं भारतीय शास्त्रीय संगीत प्रमुख रूप से दो भागों में बाटा जा सकता है।

1. कर्नाटक शास्त्रीय संगीत

इस संगीत का विकास दक्षिण भारत के मंदिरों में हुआ इस शास्त्रीय संगीत में भक्ति रस का अधिक समन्वय  मिलता है। इसके प्रमुख राग हंस ध्वनि है।

2. हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत

यह संगीत का विकास उत्तर भारत में हुआ तथा इसका स्व रुप 12वीं सदी में मुस्लिम सूफी संतों के आने से थोड़ा बदल गया था।

इसको प्रमुख दो बांटा जा सकता है जिसमें 10 वीं सदी से पूर्व का शास्त्र संगीत तथा 12 वी सदीं का शास्त्रीय संगीत इसके प्रमुख राग बसंत, भूपाली, यमन, मुल्तानी, बहार, हिंडोल, बागेश्री आदि हैं।

3. भारत के प्रमुख वाद्ययंत्र व उनके वादक व्यक्ति

ध्वनि यंत्र वादक
तबला जाकिर हुसैन, लतीफ खाँ, अल्लारक्खा खाँ, किशन महाराज, फय्याज खाँ, सुखविन्दर सिंह आदि।
सितार पंडित रविशंकर, निखिल बनर्जी, बंदे हसन, शाहिद परवेज, उमाशंकर मिश्र, बुद्दादित्य मुखर्जी आदि।
सरोद अलाउद्दीन खाँ, अली अकबर खाँ, हाफिज खाँ, अमजद अली खाँ, विश्वजीत राय चौधरी, जरीन दारुवाला, मुकेश शर्मा आदि।
बाँसुरी पन्नालाल घोष, हरि प्रसाद चौरसिया,. वी0 कुंजमणि, एन0 नीला, राजेन्द्र प्रसन्ना, राजेन्द्र कुलकर्णी आदि।
शहनाई बिस्मिल्ला खाँ, दयाशंकर जगन्नाथ, अली अहमद हुसैन खाँ आदि।
वीणा दोरोस्वामी आयंगर, कल्याण कृष्ण भागवतार, बदरुद्दीन डागर, एस0 बालचंद्रन
संतुर भजन सोपोरी, शिवकुमार शर्मा
वायलिन डाँ0 एन0 राजन, विष्णु गोविंद जोग, एल0 सुब्रह्मण्यम् संगीता राजन, कुनकैड़ी बैद्दनाथन आदि
रुद्रवीणा उस्ताद सादिक अली खाँ, असद अली खाँ
मृंदग टी0पी0 गोपालकृष्णन, डाँ0 जगदीश सिंह, ठाकुर भीकम सिंह, पालधार रघु, आदि।

4. भारतीय नृत्य कलाकार

नृत्य प्रमुख नृत्य कलाकार
कथकली उदयशंकर, कृष्ण नायर, शांता राव, मृणालिनी सारभाई, बल्लतोल नारायण मेनन, आनन्द शिवरामन, कृष्णन कुट्टी आदि
भरतनाट्यम् यामिनी कृष्णमूर्ति, सोनल मान सिंह, रुक्मिणी देवी, अरुण्डेल, टी0 बाल सरस्वती पद्मा सुब्रह्माण्यम, रामगोपाल, लीला सैमसन, मृणालिनी साराभाई।
कुचिपुड़ी यामिनी कृष्णामूर्ति, लक्ष्मी नारायण शास्त्री, राधा रेड्डी, राजा रेड्डी, स्वप्न सुंदरी, वेदांतम, सत्यनारायण, वेम्पति चेनासत्यम्
कत्थक बिरजू महाराज, सुखदेव, लच्छु महाराज, महाराज सितारा देवी, गोपीकृष्ण, शोभना नारायण, मालविका सरकार, चंद्रलेखा, बिन्दादीन महाराज, अच्छन महाराज, नारायण प्रसाद।
मोहिनी अट्टम कल्याणी अम्मा, शांताराव, तारा निडीगाडी, गीता गायक आदि।
मणिपुरी गुरु अमली सिंह, आतम्ब सिंह, नलकुमार सिंह, सविता मेहता, कलावती देवी, चारु माधुर, गोपाल सिंह, बिम्बावती, सोनारिक सिंह आदि।
ओडिशी संयुक्त पाणिग्रही, सोनल मान सिंह, किरण सहगल, माधवी मुद्गल, रानी कर्ण, कालीचरण पटनायक, बारबी ( अर्जन्टिना )

5. प्रमुख भारतीय संगीत शैली के गायक

ध्रुपद गायक अल्लाह बन्दे खाँ, पं. चन्दन चौबे, नसीरुद्दीन खाँ, पं. राम चतुर मल्लिक, पं. सियाराम तिवारी, डागर फैजुद्दीन डागर, बन्धु, जहीरुद्दीन डागर, अभय नारायण मलिक ।
ख्याल गायक गुलाम अली खाँ, अब्दुल करीम खाँ, रहमत खाँ, पं. विनायक राव पटवर्द्धन पं. ओंकारनाथ ठाकुर, केसरबाई, ताराबाई शिरोडकर, फैयाज खाँ, पं. मादकर राव वाखले, निसार हुसैन खाँ, पं. दिलीप चन्द्र बेदी, हीराबाई बड़ौदकर, पं. कुमार गंधर्व, पं. भीमसेन जोशी ।
कर्नाटक शैली के गायक श्री निवास अय्यर, संगीत पालघाट, मल्लिकार्जुन, सेम्मन गुडी मंसूर, राम अवतार अरिकुड्डी, रामानुज आयांगर, पलनिसुब्बडु, महाराजपुरम् विश्वनाथ अय्यर, दक्षिणामूर्ति पिल्लै, बाल मुरली कृष्णा, टी. एन. कृष्णन, सुश्री मणिकृष्णा स्वामी ।
हिन्दुस्तानी संगीत गायक हीराबाई बड़ौदकर, श्रीमती मालिनी राजूरकर, शोभा गुर्टू, पं. लक्ष्मण कृष्ण राव पंडित ।
शास्त्रीय गायक एस.एस. सुब्बुलक्ष्मी, विनायक राम,पं. जसराज ।
पांडवानी गायक झंडूराम देवागन, तीजनबाई, ऋतुवर्मा।
गजल गायक पीनाज मसानी, बेगम अख्तर,मल्लिका पुखराज, रीता गांगुली ।

6. नाटक और रंगमंच

भारतीय कला और संस्कृति में नाटक रंगमंच का भी योगदान है कला के क्षेत्र में भारतीय नाटक और थिअटर प्राचीन काल से ही चले आ रहे है।

इनमें से कुछ है – कालिदास का अभिज्ञान शाकुंतलम, नाटकारों में महत्वपूर्ण रहा है। लोक थिएटर की परंपरा भारत के अधिकांश क्षेत्रों में भी उपयोगी है।

7. चित्रकारी

भारत की कला-संस्कृतियों में चित्रकारी भी एक उपयोगी स्थान निभा रही है चित्रकारी भारत में एक अजंता एलोरा की मंदिर में बने हुए चित्र प्राकृतिक के प्रेम को प्रदर्शित करते है।

यह चित्रकारी बहुत ही, प्रसिद्ध मानी गयी है इनमें से एक है कालिदास की अभिज्ञान शाकुंतलम, भारतीय कला की कुछ उल्लेखनीय विधाएं हैं।

जबकि राजा रवि वर्मा, नंदलाल बोस, गीता वढेरा, जामिनी रॉय और बी वेंकटप्पा कुछ आधुनिक चित्रकार हैं। वर्तमान समय के कलाकारों में अतुल डोडिया, बोस कृष्णमक्नाहरी, देवज्योति राय और शिबू नटेसन, भारतीय कला के उस नए युग के प्रतिनिधि हैं।

प्रमुख चित्रकार

  • रवीन्द्रनाथ ठाकुर
  • नन्द लाल बोस
  • असित कुमार हल्दर
  • अमृता शेरगिल
  • मुहम्मद अब्दुर्रहमान
  • भवेश चन्द्र सान्याल
  • यामिनी राय
  • अवनीन्द्रनाथ ठाकुर
  • मकबूल फिदा हुसैन
  • क्षितीन्द्रनाथ मजूमदार
  • शोभा सिंह
  • राजा रवि वर्मा
  • सतीश गुजराल
  • मंजीत बावा

8. मूर्ति कला और वास्तुकला

भारतीय कला संस्कृति में मूर्ति कला और वास्तु कला का भी एक अलग स्थान रहा है भारत की मूर्ति कला सिन्धु घटी के जमाने के है।

जहाँ पर खोदाई के दौरान कुछ मूर्तियाँ प्राप्त हुई है मथुरा की गुलाबी बलुआ पत्थर की कुछ मूर्तियाँ भी प्राप्त हुयी है भारतीय कला संस्कृति में वास्तुकला का भी योगदान रहा है।

मौर्य और उनके साम्राज्य के काल में साँची का स्तूप बनवाया है जो भारतीय इतिहास के वास्तुकला का एक नमूना पेश करता है।

कुछ मुग़ल कालीन वास्तुकला भी भारत की कृष्णमक्नाहरी, देवज्योति राय और शिबू नटेसन, भारतीय कला के उस नए युग के प्रतिनिधि हैं।

संस्कृति व वस्तु कला में पाए गये है जैसे गोल गुम्बद, दिल्ली का लाल किला, आगरा का ताजमहल, जामा मस्जिद, आलाई दरवाजा विक्टोरिया महल इसका उत्कृष्ठ उदहारण है।

भारतीय कला एवं संस्कृति से सम्बंधित प्रश्न उत्तर

Q.1 महाराष्ट्र के संगीत रंग मंच का प्रसिद्ध लोकरूप कौन सा हैं?
A. लावणी
B. नौटंकी
C. तमाशा
D. गाथा

Ans. लावणी

Q.2 कवीर हिंदी की किस स्थानीय भाषा में लिखते थे?
A. अवधी
B. भोजपुरी
C. व्रजभाषा
D. मैथली

Ans. अवधी

Q.3 निम्लिखित में से प्रसिद्ध वायलिन वादक कौन हैं?
A. प्रोफेसर टी. एन. कृष्णन
B. सोनल मानसिंह
C. परवीन सुल्तान
D. अमृता शेरगिल

Ans. प्रोफेसर टी. एन. कृष्णन

Q.4 यामिनी राय ने कला के किस क्षेत्र में नाम कमाया?
A. मूर्तिकला
B. संगीत
C. चित्रकला
D. नाट्यकला

Ans. चित्रकला

Q.5 पुरस्कार मेले का आयोजन कहाँ होता हैं?
A. जोधपुर
B. अजमेर
C. जयपुर
D. उदयपुर

Ans. अजमेर

Q.6 स्वामीनारायण मन्दिर, अक्षरधाममखान स्थित हैं?
A. द्वारका, गुजरात
B. पूरी, उड़ीसा
C. गाँधीनगर, गुजरात
D. मथुरा, उत्तरप्रदेश

Ans. गाँधीनगर, गुजरात

Q.7 सालारगंज संग्रहालय खान स्थित हैं?
A. हैदराबाद
B. जयपुर
C. लखनऊ
D. मुंबई

Ans. हैदराबाद

कला एवं संस्कृति, कला एवं संस्कृति, कला एवं संस्कृति,कला एवं संस्कृति,कला एवं संस्कृति,कला एवं संस्कृति,
कला एवं संस्कृति, कला एवं संस्कृति, कला एवं संस्कृति,कला एवं संस्कृति,कला एवं संस्कृति,कला एवं संस्कृति,

what is indian culture

Are dressing well, speaking well, sitting well, and behaving well are Indian culture?

No, friends, this is not the only Indian culture.

Having spiritual knowledge along with all this is Indian culture.

The way a small child is given self-knowledge of truth, honesty, religious impartiality and other things in childhood, that is culture and exactly such a culture is Indian culture.

In western culture, you will find people who speak well, you will find people who sit very well and you will also find people who talk well, but perhaps enlightenment will not be found anywhere.

That is why Indian culture is considered the best in the world.

Indian culture is so impressive that foreigners are automatically getting attracted towards it.

Related Articles

Back to top button