नीमच

दिल्ली की आप सरकार की तर्ज पर शिक्षा पूर्णतः निःशुल्क हो – नवीन कुमार अग्रवाल, माननीय राज्यपाल महोदय एवं माशिमं को लिखा पत्र

नीमच। प्रदेश में पहले से ही शिक्षा का स्तर देश में निचले पायदान पर है जिसकी प्रमाणिकता प्रदेश के सरकारी शिक्षण संस्थानों की माली हालत देखकर स्वतः ही लगाई जा सकती है, वही दूसरी और निरंतर शिक्षा का स्तर गिराने के लिए नित नए नियम कायदे प्रदेश की सरकार बना रही है और शिक्षा को व्यापार बनाकर प्रदेश में शिक्षा से छात्र छात्राओं को विमुख कर देना चाहती है।

इसकी प्रमाणिकता इसी बात से लगती है की अभी अभी माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10 वी एवं 12वीं की परीक्षा जो की फरवरी 2024 में होने वाली है उसके लिए विलंब शुल्क 12000 रूपये निर्धारित किया है जो की असंगत होने के साथ ही न्यायोचित नहीं है। इसके अलावा भी एक और प्रदेश सरकार 12 तक की शिक्षा को पूर्णतया निशुल्क होने का दावा करती है दूसरी और बिना विलम्ब शुल्क के भी परीक्षा फार्म के साथ सामान्य रूप से 1200 रूपये ले रही है जो की सर्वधा छात्र छात्राओं के साथ घोर अन्याय होने के साथ प्रदेश की भाजपा सरकार के दावे को झुठलाती है।

आप के मंदसौर संसदीय क्षेत्र के लोकसभा प्रमुख नवीन कुमार अग्रवाल ने प्रदेश सरकार के इस तुगलकी आदेश की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कटाक्ष किया है की एक और तो मोदी सरकार मानती है की हम देश में 80 करोड़ लोगो को मुफ्त राशन वितरित कर रहे है तो यह समझ से परे है की उन्ही 80 करोड़ लोगो में से जिन लोगो के बच्चे पढ़ाई कर रहे है और किसी कारणवश समय पर 1200 रूपये भी जुटा नहीं पाए है।

वे किस प्रकार से भाजपा नित सरकार में परीक्षा के लिए 12000 रूपये जुटा पायेंगे जबकि होना यह चाहिए की दिल्ली की तर्ज पर शिक्षा पूर्णतः निशुल्क हो और किसी भी प्रकार से विद्यार्थियों से शुल्क न लिया जावे जिससे विद्यार्थी अपनी पढाई सुचारु रूप से अनवरत जारी रख सके। इससे स्वतः ही सिद्ध होता है की भाजपा नहीं चाहती की प्रदेश मे गरीबो के बच्चे पढ़ाई कर सके और इससे क्या यह नहीं लगता की अपने आप स्वयंभू मामा अपने भांजे भांजियों को उच्च शिक्षित होते हुए नहीं देखना चाहते ?

अग्रवाल ने कहा की एक और तो प्रदेश सरकार झूठी वाहवाही लूटने के लिए लैपटॉप स्कूटी बांटने का ढोंग करती है दूसरी और उन्हीं विद्यार्थियों से परीक्षा शुल्क के रूप में 1200 से 12000 रूपये तक पठानी वसूली करती है यह समझ से परे है। इससे कटु अहसास होता है की भाजपा सरकार शिक्षा के प्रति कितनी सजग है। प्रश्न उठता है की क्या प्रदेश में मात्र अमीरो के बच्चो को ही पढ़ने का अधिकार है गरीब एवं मध्यमवर्गीय वर्ग के बच्चो को नहीं ?

इस सम्बन्ध में अग्रवाल ने राज्यपाल महोदय एवं शिक्षा मंडल को पत्र लिखकर विद्यार्थियों के हित में तुरंत इस तुगलकी आदेश को वापस लेने और प्रदेश में शिक्षा के साथ ही सम्पूर्ण परीक्षाएं पूर्णतया निशुल्क करवाने की मांग की है।

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