irrigation सिंचाई के लिए पानी देने की तैयारी का काम युद्धस्तर पर चल रहा है, किसानों को गांधी सागर बांध से पानी मिलेगा Super News 1
irrigation सिंचाई के लिए पानी देने की तैयारी का काम युद्धस्तर पर चल रहा है, किसानों को गांधी सागर बांध से पानी मिलेगा
नीमच। irrigation सिंचाई के लिए पानी देने की तैयारी का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। जिले के 215 गांव के करीब एक लाख किसानों को खेत में सिंचाई के लिए पानी देने की तैयारी का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। इसके लिए गांधी सागर बांध से पानी मिलेगा। इसके लिए साल में एक बार किसानों को 1200 रुपए जमा करवाना होंगे। 60 हजार से अधिक हेक्टेयर पर सिंचाई का पानी डलेगा। इसके लिए पाइप लाइन डालने सहित अन्य कार्य जल संसाधन विभाग कर रहा है। इसके लिए 12 अरब रुपए का व्यय होगा।
इसका सबसे अधिक लाभ ये होगा कि जहां इस पाइप लाइन को डाला जा रहा है, वहां के किसान अन्य उपज के साथ – साथ औषधियां वाली उपज का लाभ भी ले पाएंगे। पूरा काम दो एजेंसी कर रही है। पानी देने की योजना जल बोर्ड की है तो इसके लिए बिजली के सब स्टेशन से लेकर जरूरी पाइप का निर्माण जल संसाधन विभाग करेगा। इसके लिए उत्पाइन प्लांट का निर्माण तेजी से चल रहा है।
जिले के मनासा, रामपुरा, जावद व नीमच क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता की परेशानी हमेशा के लिए दूर होने वाली है। इसके लिए जिले में जल संसाधन विभाग तेजी से काम कर रहा है। अब तक पाइप लाइन तो डाली ही जा रही है, इसके साथ – साथ अब पंप हाउस का निर्माण कार्य भी शुरू करने की तैयारी कर दी है।
करीब एक लाख किसानों में से करीब 55 प्रतिशत किसानों को तो अगले वर्ष नवंबर तक ही सिंचाई के लिए पानी मिलने की शुरूआत हो जाएगी। इस समय रामपुरा – मनासा क्षेत्र में इसका काम चल रहा है। योजना का सबसे अधिक लाभ मनासा क्षेत्र को मिलेगा, क्योंकि सबसे अधिक गांव इसी ब्लॉक के शामिल किए है। सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता होने से युवाओं का भी खेती के प्रति रुझान बढ़ेगा।
मेगावाट में व्यय होगी बिजली: योजना अंतर्गत जल संसाधन विभाग दो अलग-अलग स्थान पर पंप स्टेशन बनाएगा। इन पंप स्टेशन पर गांधी सागर डैम के बैक वॉटर का पानी सिंचाई के लिए आएगा। इस काम पर 39.40 मेगावॉट बिजली का व्यय होगा। बिजली आंतरी माता व कुंडालिया सब स्टेशन से मिलेगी। हालांकि खेत तक पानी देने का होने वाला व्यय किसानों को नहीं देना होगा।
इस तरह हो रहा काम: योजना में 35 किमी लंबी पेयजल पाइप लाइन डाली जा रही है। हर गांव में 5 से 7 किमी पाइप लाइन इसके लिए दी जाएगी। इसके लिए बिजली बिल नहीं लिया जाएगा, लेकिन प्रति हेक्टेयर 1200 रुपए किसान को प्रतिवर्ष शुल्क देना होगा। इसमें किसान तीन उपज की बोवनी कर सकेगा।
फैक्ट फाइल
गांधी सागर से लेंगे पानी
243.31 एमसीएम पानी
योजना पूरी होने का समय
36 माह
योजना की कुल लागत
12 अरब रुपए
किसान को बिजली बिल देना होगा
0 रुपए
कुल जमीन को लाभ
65500 हेक्टेयर भूमि
मनासा के गांव
178
नीमच के गांव
28
जावद के गांव
09
किसान को लाभ
1,00000
तेजी से चल रहा काम
जिले के तीन गांव के करीब एक लाख किसानों को सिंचाई के लिए पानी देने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है। इसको दो विभाग मिलकर पूरा करेंगे।
Preparation work to provide water for irrigation is going on war footing. The work of preparing to provide water for irrigation in the fields to about one lakh farmers of 215 villages of the district is going on war footing. For this, water will be available from Gandhi Sagar Dam. For this, farmers will have to deposit Rs 1200 once a year. Irrigation water will be applied to more than 60 thousand hectares. For this, the Water Resources Department is doing other work including laying the pipeline. There will be an expenditure of Rs 12 billion for this.
The biggest benefit of this will be that the farmers of the place where this pipeline is being laid will be able to take advantage of the medicinal produce along with other produce. Two agencies are doing the entire work. If the plan to provide water is of Jal Board, then for this the Water Resources Department will construct the necessary pipes starting from the electricity sub-station. For this, the construction of the production plant is going on at a fast pace.