सायबर सेल नीमच की सक्रियता से बुजुर्ग दंपत्ति के बचे 60 लाख रूपये*, *मनी लांड्रिग केस के नाम पर बुजुर्ग दंपत्ति को किया था डिजिटल अरेस्ट*

*सायबर सेल नीमच की सक्रियता से बुजुर्ग दंपत्ति के बचे 60 लाख रूपये*,
*मनी लांड्रिग केस के नाम पर बुजुर्ग दंपत्ति को किया था डिजिटल अरेस्ट*

सायबर सेल नीमच की सक्रियता से बुजुर्ग दंपत्ति के बचे 60 लाख रूपये*, *मनी लांड्रिग केस के नाम पर बुजुर्ग दंपत्ति को किया था डिजिटल अरेस्ट*
*1. मनी लांड्रिग केस में नाम आने के नाम पर किया गया था डिजिटल अरेस्ट स्कैम।*
*2. विगत 15 दिवस से बुजुर्ग दंपति को मनी लांड्रिग केस के नाम पर बनाया जा रहा था शिकार।*
*3. सायबर ठगों द्वारा मनी लांड्रिग केस में राशि बचाने हेतु एफडी को तुड़वाकर एक अन्य बैंक खातें में राशि स्थानातंरित करने का दिया था झांसा।*
*4. सायबर ठगों के झांसे में आकर बुजुर्ग दंपत्ति द्वारा 60 लाख रूपये की तुडवाई थी कई एफ.डी.।*
*5. सायबर सेल नीमच को इन्दौर क्राईम ब्रांच से सुचना प्राप्त होते ही तत्काल 07 मिनट में पहुंचकर सक्रियता से बचाये बुजुर्ग दंपत्ति के 60 लाख रूपये।*

नीमच जिलें में सायबर फ्रॉड पर अंकुश लगाने एवं सायबर फ्राॅड के प्रकरणों की रोकथाम हेतु प्राथमिकता के साथ प्रभावी कार्यवाही के निर्देश पुलिस अधीक्षक नीमच श्री अंकित जायसवाल द्वारा सायबर सेल नीमच को दिए गए हैं। उक्त निर्देशों के पालन में सायबर क्राईम ब्रांच इन्दौर से प्राप्त सूचना के आधार पर सायबर सेल नीमच प्रभारी प्रदीप शिन्दें एवं उनकी टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए पुलिस थाना नीमच केंट अन्तर्गत विकास नगर क्षेत्र के बुजूर्ग दम्पत्ति को डिजीटल अरेस्ट स्केम से सुरक्षित रिहा कर लगभग 60 लाख रूपयें की धोखाधड़ी से बचाने में सफलता प्राप्त की गई है।
दिनांक 22.12.2025 को सायबर सेल नीमच को सायबर क्राईम ब्रांच इन्दौर के उप निरीक्षक श्री शिवम ठक्कर के माध्यम से सुचना प्राप्त हुई कि विकास नगर निवासरत बुजूर्ग दम्पत्ति को डिजिटल अरेस्ट किया जाकर बुजूर्ग दम्पत्ति के साथ धोखाधड़ी की जा रही है। उक्त सूचना पर से सायबर सेल प्रभारी प्रदीप शिन्दें द्वारा पुलिस अधीक्षक महोदय नीमच श्री अंकित जायसवाल को उक्त संबंध में जानकारी से अवगत कराया जाने पर एस.पी. महोदय द्वारा तत्काल बुजूर्ग दम्पत्ति के घर जाकर आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिये गये। सायबर सेल टीम द्वारा सूचना प्राप्ति के मात्र 07 मीनिट में बुजूर्ग दम्पत्ति के घर जाकर अपना परिचय दिया गया। बुजूर्ग दम्पत्ति अत्यधिक घबरायें एंव डरे हुए थें तथा घटना के संबंध में जानकारी नही दे रहे थें। सायबर सेल टीम द्वारा मनोवैज्ञानिक तरीके से बुजूर्ग दम्पत्ति की काउंसलिंग की और उन्हें समझाया कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कुछ नही होता, और पुलिस की कार्रवाई कभी भी इस प्रकार की वीडियो कॉल के माध्यम से नहीं की जाती है और यह पूरी तरह से अवैध है। लगभग 2 घन्टें तक सायबर सेल टीम द्वारा समझाने के बाद बुजूर्ग दम्पत्ति ने अपनी आपबीती सुनाई कि उन्हे दिनांक 08 दिसम्बर 2025 को वाट्सएप के माध्यम से काॅल प्राप्त हुआ तथा उसमें फ्राॅडस्टर द्वारा बुजूर्ग दम्पत्ति को खुद को दिल्ली का पुलिस कमिश्नर बताया जाकर मनी लांड्रिग केस में बुजूर्ग दम्पत्ति का नाम आने का झांसा दिया जाकर उनसे सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की गई तथा इस बारे में अपने बच्चों से बात करने पर बच्चों को भी जेल भेजने संबंधी डर बताया जाकर पुलिस अथवा बच्चों को कुछ भी नही बताने संबंधी धमकी दी गई। बुजूर्ग दम्पत्ति द्वारा जो कि शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त है के द्वारा पेंशन एवं अन्य जमा पुंजी से संचित एफडी को अपने खातें में ट्रांसफर करवाने संबंधी जानकारी अपनी बेटी जो कि नीमच से बाहर निवास करती है से पूछे जाने पर बेटी को कुछ शक होने पर क्राईम ब्रांच इन्दौर के उप निरीक्षक श्री शिवम ठक्कर से सम्पर्क किया तथा क्राईम ब्रांच इन्दौर के उप निरीक्षक श्री शिवम ठक्कर द्वारा तत्काल सायबर सेल नीमच प्रभारी प्रदीप शिन्दें को काॅल कर उक्त संबंध में सूचित किया गया। सायबर सेल टीम द्वारा बुजूर्ग दम्पत्ति को डिजीटल अरेस्ट जैसा कोई भी कानून नही होने संबंधी बातो की जानकारी दी जाकर लगभग 2 घन्टें तक बुजूर्ग दम्पत्ति को सायबर फ्राॅड के तरिकों एवं उनसे बचाव के उपचार बताते हुए डिजीटल अरेस्ट संबंधी वीडियों भी बुजूर्ग दम्पत्ति को बताये गयें। उक्त अवधि के दौरान सायबर ठगों द्वारा बुजूर्ग दम्पत्ति को वाट्सएप के माध्यम से काॅल एवं वीडियों काॅल कर लगातार डराया एवं झासें में लिया जा रहा था।
पुलिस अधीक्षक श्री अंकित जायसवाल द्वारा भी बुजूर्ग दम्पत्ति से कार्यालय में मुलाकात कर बुजूर्ग दम्पत्ति से उनका हाॅल चाल जाना एवं घटना के संबंध में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की गई। एस.पी. श्री अंकित जायसवाल द्वारा बुजूर्ग दम्पत्ति को बताया गया कि वर्तमान में सायबर ठगो द्वारा आमजन से ठगी करने के लिये ईडी, सीबीआई, नारकोटिक्स डिपार्टमेन्ट, एयरपोर्ट के अधिकारी या असली दिखने वाली ‘‘नकली पुलिस‘‘ बनकर पीड़ित को विडियो काॅल के माध्यम से सम्पर्क किया जाता है। जिसमें पिड़ित को मानव तस्करी, मनी लांड्रिग, एनडीपीएस (ड्रग्स, ब्राउन शुगर) आदि जैसे नशीले पदार्थो का देश-विदेश से पार्सल भेजने/आने के नाम पर या अन्य किसी कारण से नियमों का भय दिखाकर झुठे केस में फसाने एवं डरा धमकाकर पैसे की मांग करते हैं व विडियो काॅल के माध्यम से डिजिटली अरेस्ट कर पैसे की ठगी करते हैं। सायबर ठगों द्वारा कभी-कभी टेक्स मनी लांड्रिग के नाम पर फर्जी नोटीस भी भेजे जाते है। सायबर ठगों द्वारा आमजन को झांसे में लेकर समस्त जमा पुंजी एक अन्य फ्राड खातें में स्थानांतरित करवाकर ठगी की जाती है। पीड़ित व्यक्ति सायबर ठगों के डर एवं झांसे में आकर ठगी का शिकार हो जाता है। पुलिस अधीक्षक श्री अंकित जायसवाल द्वारा बुजूर्ग दम्पत्ति को पूर्ण रूप से सायबर फ्रॅाड एवं डिजीटल अरेस्ट के बारें में जागरूक कर अन्य बुजूर्ग दम्पत्तियों को भी अपने साथ हुए डिजीटल अरेस्ट स्केम के संबंध में बताने एवं उन्हे जागरूक करने संबंधी समझाईश दी गई।

सायबर सेल नीमच की सक्रियता से बुजुर्ग दंपत्ति के बचे 60 लाख रूपये*, *मनी लांड्रिग केस के नाम पर बुजुर्ग दंपत्ति को किया था डिजिटल अरेस्ट*
*सराहनीय कार्यवाही* – सराहनीय कार्यवाही में साबयर सेल प्रभारी प्रदीप शिन्दें, प्रआर. आदित्य गौड़, आर. लखन प्रताप सिंह, आर. कुलदीप सिंह, आर. सोनेन्द्र राठौर, आरक्षक राहुल सौलंकी तथा क्राईम ब्रांच इन्दौर उप निरीक्षक श्री शिवम ठक्कर की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
*अपील – नीमच पुलिस आमजन से अपील करती है किसी भी अनजान नंबर से वाट्सएप काॅल को न उठाये, किसी भी अनजान व्यक्ति को अपना पक्ष रखते समय बैंक/व्यवसाय/निजी जानकारी साझा न करें,डिजिटल अरेस्ट नामक कोई प्रक्रिया कानून में नहीं है, इस प्रकार का काॅल आने पर अपने आसपास के लोगों/परिजनों से सम्र्पक करें तत्काल नजदीकी पुलिस स्टेशन, कन्ट्रेाल रूम एवं सायबर सेल को सुचना दें।*

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