आगामी मंत्रिमंडल विस्तार में क्या नीमच जिला करेगा प्रतिनिधित्व: या हमेशा की तरह होगा सौतेला व्यवहार

(पवन शर्मा नीमच: 8770664866)
मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा पर स्थित नीमच जिला भाजपा का गढ़ माना जाता है। यहां से लगातार भाजपा चाहे विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव सब मे हर बार अव्वल रही है। विपरीत परिस्थितियों में भी यहां से भाजपा ने अपना गढ़ बरकरार रखा था। तो ऐसे में लाजमी है कि भाजपा आलाकमान को भी यहां नीमच जिले को पूरी तवज्जों देते हुए यहां से मप्र के विधानसभा के मंत्रिमंडल में एक मंत्री तो देना ही चाहिए था। मालवा के नीमच जिले में तीनों की तीनों विधानसभा सीटें भाजपा निरंतर जीतती हुई आ रही है लेकिन ऐसे में मंत्री पद को लेकर नीमच जिले को उपेक्षा का शिकार होना पड़ा। क्षेत्र की जनता जनसंघ के समय से भाजपा का भरपूर साथ देती रही है तो भाजपा की सरकार के बनने पर तीन में से कम से कम एक मंत्री तो जिले से देना चाहिए, मध्यप्रदेश की राजनीति में नीमच जिला अपने आप मे एक बड़ा स्थान शुरू से रखता आया है, यहां से दो दो मुख्यमंत्री स्व. सुंदरलाल जी पटवा और स्व. वीरेंद्र कुमार सकलेचा जी रहे लेकिन बावजूद उसके इस बार के मंत्रिमंडल में जिले से एक भी मंत्री नही बनाया गया। हर बार चाहे राज्यसभा हो या लोकसभा दोनों में मंदसौर जिले को ही प्राथमिकता दी जाती है। यहां की जनता को हर बार निराशा ही हाथ लगती है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी जून 2020 की कैबिनेट में जावद से ओमप्रकाश सकलेचा को कैबिनेट में msme मंत्री जरूर बनाया था। जिसमे उन्होंने औद्योगिक विकास के क्षेत्र में प्रदेश भर में खासा विकास कर के दिखाया था। लेकिन उन्हें भी ज्यादा समय नही मिल पाया था, नीमच विधायक दिलीप सिंह परिहार भी 4 बार के विधायक है विपरीत परिस्थितियों में उन्होंने बड़ी जीत हासिल की है उन्हें भी अभी तक मंत्री नही बनाया गया है जबकि कई ऐसे विधायक है जो पहली बार या दूसरी बार विधानसभा जीतकर विधायक बने उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
हालांकि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों में संगठन के निर्णय को ही सर्वोच्च महत्वता दी जाती है, कार्यकर्ता और तमाम सारे जनप्रतिनिधि संगठन सर्वोपरि की भावना के साथ आगे बढ़ते है, लेकिन क्षेत्र की जनता की भावनाओं को महत्वता होनी चाहिए।
क्या मोहन सरकार अगले मंत्रिमंडल में नीमच जिले को तवज्जों देगी या यहां की जनता को फिर निराशा ही हाथ लगेगी…? क्या हर बार की तरह फिर नीमच जिले को मुंह ताकते रहना पड़ेगा…?