ईमानदारी की मिसाल: बस कंडक्टर बाबूलाल गुर्जर ने बस में मिला सोने का मंगलसूत्र लौटाया

बस के एक कंडक्टर ने ईमानदारी की मिसाल पेश कर यह साबित कर दिया है कि आज के दौर में भी ईमानदारी जिंदा है। रामपुरा से इंदौर जाने वाली ख़ुशी बस में फूलपुरा निवासी बस कंडक्टर बाबूलाल गुर्जर को किसी यात्री का 1 तोला वजनी सोने का मंगल सूत्र पड़ा मिला, जिसे बस कंडक्टर बाबूलाल गुर्जर द्वारा मंगलसूत्र के मालिक को पहचान कर मंगलसूत्र लोटा दिया
नारायणगढ़ निवासी राजेंद्र सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि में स्वयं धर्मपत्नी शैलेश कुंवर सहित खुशी बस में बैठकर मंदसौर जा रहे थे जाते समय उनका एक तोला वजनी सोने का मंगलसूत्र गिर गया शाम को घर पहुंचने पर पत्नी द्वारा अपना मंगलसूत्र गुम होने का ज्ञात हुआ जिस पर पत्नी द्वारा काफी खोजबीन करने पर मंगलसूत्र नहीं मिला इस पर परिवार जनो में बस कंडक्टर से फोन लगाकर मंगलसूत्र गुम होने के बारे में बताया तो बाबूलाल गुर्जर कंडक्टर ने श्री चौहान को बताया कि उनका मंगलसूत्र बस में गिर गया था जो उसके पास है और वापसी में लौटते वक्त उक्त मंगलसूत्र राजेंद्र सिंह चौहान को सौंप देंगे जब कंडक्टर बाबूलाल गुर्जर ने राजेंद्र सिंह चौहान को सौपा तो राजेंद्र सिंह चौहान एवं नारायणगढ़ निवासियों ने बाबूलाल कंडक्टर का आभार व्यक्त करते हुए सम्मान किया अपने सम्मान के अवसर पर कंडक्टर बाबूलाल गुर्जर ने बताया की सम्मान जैसी कोई बात नहीं है ईमानदारी मेरी सबसे बड़ी पूंजी है चाहे में थोड़े पैसे के लिए मेहनत करता हूं परंतु अपनी मेहनत का पैसा लेता हूं यही मेरी असली पूंजी है आज के इस जमाने में बाबूलाल गुर्जर जैसे व्यक्ति मिलना कोयले की खान में हीरे ढूंढने जैसा है इस अवसर पर पत्रकार रामप्रसाद राठौर ऋषभ दक समाजसेवी जयपाल सिंह दादू राहुल पाटीदार प्रहलाद सिंह सहित कई समाजसेवी जन उपस्थित रहे