नीमच

Saint Kamalanand Giri : संत 1008 कमलानंद गिरी ने अध्यात्म संस्कार शिक्षा में बटुकों व संतों को आत्मनिर्भर बनाया था – कृष्णानंद गिरी महाराज,

संत कमलानंद गिरी ने अध्यात्म संस्कार शिक्षा में बटुकों व संतों को आत्मनिर्भर बनाया था – कृष्णानंद गिरी महाराज,

अरुल अशोक अरोरा ने चरण पादुका पूजन अभिषेक किया, उमड़े हजारों श्रद्धालु

नीमच । संत कमलानंद गिरी ने मालवा अंचल के विभिन्न आश्रमों में रहते हुए बटुकों व संतों को अध्यात्म संस्कार शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सेवा सहयोग अभियान वर्षों तक चलाया था । जो आज मशीनी युग में आदर्श प्रेरणादायी कदम है। उन्होंने अरावली पर्वत की सुरम्य अंचल में स्थित महर्षि शांडिल्य मुनि की तपःस्थली श्री साण्डेश्वर महादेव मंदिर पर २३ वर्षों तक कठिन तपस्या की।

तत्पष्चात् लेवडा स्थित आश्रम पर भक्ति की अलख जगाई। उनके अधूरे कार्यों को पूरा करना ही उनकी आत्मा के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कई स्थानों पर संस्कार केन्द्रों की आधारशिला रखी जो आज एक पवित्र उपवन की तरह हैं। इन संस्थानों की पचास से अधिक वर्ष यात्रा में कितने ही प्रतिभाशाली बटुक व संत संस्कारवान बने।

यह बात शिव शक्ति आश्रम के महंत कृष्णानंद गिरी महाराज ने कही। वे बुधवार को शिवशक्ति आश्रम ग्राम लेवडा में ब्रम्हलीन कमलानंद गिरी महाराज की समाधि पर चतुर्थ पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद आयोजित कार्यक्रम में बोल रहीे थी । उन्होंने कहा कि जब भारत को आंतरिक ज्ञान ध्यान अध्यात्म प्रकाश की जरूरत हुई है, संत परम्परा से कोई न कोई सूर्य उदय हुआ है।

अरुल अशोक अरोरा

संसार में विद्वान देह आती है। प्रकृति और राष्ट्र का कल्याण कर पुनः पंचतत्व में विलीन होती है। ऐसी पवित्र आत्मा परमात्मा में विलीन होती है। महिलाओं को अध्यात्म के क्षेत्र में शिक्षित बनाने में इन केन्द्रों ने जो योगदान दिया है देश आज उसका ऋणी है। ब्रम्हलीन कमलानंदजी गिरी ने उस कठिन समय में स्त्री संस्कार की अलख जगाई। अनेक बालिकाओं और महिलाओं को आश्रम से जोड धर्म अध्यात्म संस्कार की मुख्यधारा से जोडा। शास्त्र अध्यात्म केवल मानव के लिए है, पशु के लिए नहीं, क्योंकि पशु में स्मृति नहीं रहती है। मानव शरीर पृथ्वी, आकाश, मिट्टी, जल, अग्नि पांच तत्वों से मिलकर बना है।

सृष्टि में कमलानंद गिरी जैसे संत महान होते हैं, जिन्होंने सदैव समाज एवं राष्ट्र कल्याण के लिए अपना सर्वस्व जीवन समर्पित कर दिया। उन्हीं के बताए आदर्श ज्ञान मार्गदर्शन एवं पद चिन्हों पर चलकर सुशिष्या महंत कृष्णानंद गिरी शिवशक्ति आश्रम को आध्यात्मिक केन्द्र के रूप में विकसित कर रही हैं। वीतरागी १००८ संत कमलानंद गिरि महाराज आज से ठीक ३ वर्ष पूर्व २७ दिसंबर २०१९ शुक्रवार को समाधि में ब्रह्मलीन हो गए थे।

उनकी समाधि को आकर्षक गुलाब के फूलों से श्रृंगार किया गया कार्यक्रम की श्रृंखला में इससे पूर्व समाजसेवी अरुण अशोक अरोरा नेपंच दिवसीय दुर्गा उपवास का कार्यक्रम भी दीपक प्रज्वलित कर आयोजित किया गया । सुबह १० बजे महादेव अभिषेक विविध मंत्रोचार के साथ आयोजित किया गया इस अवसर पर श्रद्धालु भक्तों द्वारा जय जय गुरुदेव ओम नमो नारायण की जय घोष भी लगाई गई।

Saint Kamalanand Giri : संत 1008 कमलानंद गिरी ने अध्यात्म संस्कार शिक्षा में बटुकों व संतों को आत्मनिर्भर बनाया था - कृष्णानंद गिरी महाराज,

इस अवसर पर पं.विक्रम शर्मा ने चरण पादुका पूजन आरती पर मंत्र उच्चारण किया। अवसर पर समाजसेवी अरुल अशोक अरोरा द्वारा चरण पादुका पूजन व महादेव का पंचामृत से विशेष अभिषेक कर पुष्प अर्पित किए और आरती कर आशीर्वाद ग्रहण किया । इस अवसर पर श्रद्धालु भक्तों का प्रसादी भंडारा आयोजित किया गया कार्यक्रम में बांसवाड़ा आश्रम के महंत हरिओम दास शास्त्री, हरिओम गिरी, नानक दास जी ,संत राम जी राम, अरविंद नंद गिरी, माणक राम जी, जय राम दास जी ,जानकी दास जी , शंभू गिरी जी, प्रभा दास जी, रामदास जी, विष्णु दास जी,आदि संत मंडल ,पंडित विक्रम शर्मा पंडित चतुर्भुज शर्मापंडित अभिषेक शर्मा श्याम शर्मा अभिषेक शर्मा राहुल शर्मा दर्शन शर्मा चेतन शर्मा

एवं बार एसोसिएशन अध्यक्ष एडवोकेट मनीष जोशी, समाजसेवी , गोपाल गर्ग जीजी,अनिल नाहटा ,संजय बेगानी ,सुनील गोयल वृंदावन, महेंद्र मोनू लॉक्स संजय पवार, निर्मल देव नरेला, सत्यनारायण बिंदल, महेंद्र सिंह सिसोदिया यदुनाथ सिंह बावेल, पिंकू नागोरी, बृजेश ऐरण सौरभ मोदी, अर्जुनसिंह जायसवाल, यशवंत शर्मा, किशोर मिश्रा, दीक्षा करनेल, सुश्री कलावती सहित मेवाड़ मालवा मध्य प्रदेश सहित देश भर के अनेक श्रद्धालु भक्त उपस्थित थे।

Saint Kamalanand Giri had made Batuks and saints self-reliant in spiritual values education – Krishnanand Giri Maharaj, Arul Ashok Arora performed Charan Paduka Pujan Abhishek, thousands of devotees gathered.

Saint Kamalanand Giri : संत 1008 कमलानंद गिरी ने अध्यात्म संस्कार शिक्षा में बटुकों व संतों को आत्मनिर्भर बनाया था - कृष्णानंद गिरी महाराज,

Neemuch. Saint Kamalanand Giri, while living in various ashrams of Malwa region, had run a service cooperation campaign for years to make the Batuks and saints self-reliant in the field of spiritual culture education. Which is an ideal inspirational step in today’s machine age. He performed rigorous penance for 23 years at Shri Sandeshwar Mahadev Temple, the penance place of Maharishi Shandilya Muni situated in the picturesque region of Aravalli Mountains. Thereafter, the flame of devotion was awakened at the ashram situated in Levada.

Completing his incomplete works would be a true tribute to his soul. He laid the foundation stone of Sanskar Kendras at many places which today are like a sacred grove. In the journey of more than fifty years of these institutions, many talented Batuks and saints became cultured.

Mahant Krishnanand Giri Maharaj of Shiv Shakti Ashram said this. She was speaking in a program organized on Wednesday at Shivshakti Ashram village Levada after paying floral tribute at the Samadhi of Brahmlin Kamalanand Giri Maharaj on the occasion of his fourth death anniversary. She said that when India is in need of inner knowledge, meditation and spiritual light, the saint tradition Some sun has risen from there. A learned body comes into the world.

After providing welfare to nature and the nation, it again merges into the five elements. Such a pure soul merges with God. The country today is indebted to the contribution that these centers have made in educating women in the field of spirituality. Brahmin Kamalanandji Giri awakened the light of women’s values in those difficult times. The Ashram connected many girls and women with the mainstream of religion and spirituality. The scriptures and spirituality are only for humans, not for animals, because animals do not have memory.

The human body is made up of five elements: earth, sky, soil, water and fire. Saints like Kamalanand Giri are great in the world, who always dedicated their entire lives for the welfare of society and nation. Following his ideal knowledge, guidance and footsteps, Mahant Krishnanand Giri is developing Shivshakti Ashram as a spiritual center. Vitraagi 1008 Saint Kamalanand Giri Maharaj had entered into samadhi exactly 3 years ago on Friday, 27th December 2019.

His tomb was decorated with attractive rose flowers. Earlier in the series of programs, social worker Arun Ashok Arora also organized a five-day Durga fasting program by lighting lamps. Mahadev Abhishek was conducted at 10 am with various chants. On this occasion, Jai Jai Gurudev Om Namo Narayan was also chanted by the devotees.

On this occasion, Pt. Vikram Sharma recited the mantra on Charan Paduka Pujan Aarti. On the occasion, social worker Arul Ashok Arora performed Charan Paduka puja and special anointment of Mahadev with Panchamrit and offered flowers and received blessings by performing aarti. On this occasion, Prasadi Bhandara was organized for the devotees. In the program,

Mahant Hariom Das Shastri of Banswara Ashram, Hariom Giri, Nanak Das Ji, Sant Ram Ji Ram, Arvind Nand Giri, Manak Ram Ji, Jai Ram Das Ji, Janaki Das Ji, Shambhu Giri ji, Prabha Das ji, Ramdas ji, Vishnu Das ji, etc. Sant Mandal, Pandit Vikram Sharma, Pandit Chaturbhuj Sharma, Pandit Abhishek Sharma, Shyam Sharma Abhishek Sharma, Rahul Sharma, Darshan Sharma, Chetan Sharma

and Bar Association President Advocate Manish Joshi, social worker, Gopal Garg ji. ,Anil Nahata, Sanjay Begani, Sunil Goyal Vrindavan, Mahendra Monu Locks Sanjay Pawar, Nirmal Dev Narela, Satyanarayan Bindal, Mahendra Singh Sisodia Yadunath Singh Bavel, Pinku Nagori, Brijesh Airan Saurabh Modi, Arjun Singh Jaiswal, Yashwant Sharma, Kishore Mishra, Deeksha Karnal Many devotees from across the country including Mewar, Malwa, Madhya Pradesh and Ms. Kalavati were present.

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कमलानंद, Kamalanand, अरुल अशोक अरोरा

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