रामपुरा महाविद्यालय में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया

रामपुरा महाविद्यालय में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामपुरा में 10 अक्टूबर को भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ द्वारा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य डॉ.बलराम सोनी की अध्यक्षता में हुई उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को किसी भी कार्य को करते समय मन में तनाव नहीं लेना चाहिए कार्यों को खुशी-खुशी करना चाहिए मानसिक स्वास्थ्य को बनाएं रखने के लिए सदैव खुश एवं प्रसन्न चित्त रहना चाहिए कार्यक्रम के प्रमुख विषय विशषेज्ञ डॉ.आसावरी
खेरनार एवम प्रोफेसर मठुआ अहिरवार थे जिनके द्वारा वर्तमान संदर्भ में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर चर्चा की। डॉ.आसावरी खेरनार ने बताया की विश्व मानसिक स्वास्थ्य संगठन महासंघ की स्थापना 1948 में की गई है यह संगठन मानसिक स्वास्थ्य पर कार्य करता है इस संगठन द्वारा प्रत्येक वर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष इसकी अलग-अलग थीम होती है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ आत्मा निवास करती है। आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में तनाव,चिंता और अवसाद जैसी समस्याए बढ़ती जा रही है दैनिक जीवन के कार्यों को संपन्न करने के लिए हमें तनाव नहीं लेना चाहिए और हमारे व्यक्तिगत जीवन के कार्य एवं अध्ययन क्षेत्र के कार्यों के बीच संतुलन बनाकर चलना चाहिए जिससे आपके मानसिक स्वास्थ्य मे संतुलन बना रहेगा एवं अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकेंगे क्योंकि तनाव की स्थिति में मनुष्य के शरीर में अनेक प्रकार की विकृतियों घर कर जाती है इसलिए हमें कार्यों को तनाव मुक्त होकर करना चाहिए। प्रोफेसर मठुआ अहिरवार द्वारा भारतीय ज्ञान परंपरा में मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने वाले साधनों के बारे में बताया उन्होंने बताया कि प्राचीन समय में योग,ध्यान, प्राणायाम,आयुर्वेद एवं विभिन्न ऋतु में मनाए जाने वाले त्योहार थे जो मनुष्य के शारीरिक, मानसीक और आध्यात्मिक संतुलन को बनाए रखने में सहायक थे उन्होंने कहा कि व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास के लिए मानसिक स्वास्थ्य का संतुलित होना आवश्यक है विद्यार्थियों को छोटी-छोटी समस्याओं के लिए तनाव नहीं लेना चाहिए समस्याओं को दूर करने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। क्योंकि तनाव से हम हमारे व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास नहीं कर सकते हैं आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में मानसिक तनाव बढ़ने से मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं बढ़ती जा रही है जिन्हें दूर करने के लिए विभिन्न परामर्श केंद्र भी खोले गए हैं और विद्यार्थियों के तनाव को कम करने के लिए हेल्पलाइन केंद्र भी स्थापित किए गए हैं यदि कोई भी विद्यार्थी तनाव में आता है तो उसकी सूचना हेल्पलाइन केंद्र में दी जानी चाहिए और तनाव ग्रस्त व्यक्ति के तनाव को कम करने के लिए सहयोग देना चाहिए परीक्षा के तनाव को कम करने के लिए विद्यार्थियों को मनोवैज्ञानिकों एवं मनो चिकित्सकों द्वारा परामर्श दिए जाते हैं हमें किसी भी कार्य को तनाव मुक्त होकर करना चाहिए कार्यक्रम का संचालन भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ की प्रभारी प्रोफेसर शिवकोर कवचे द्वारा किया गया उन्होंने भी कहा कि विद्यार्थियों को अपने सर्वांगीण विकास के लिए तनाव मुक्त रहना चाहिए। कार्यक्रम में आभार डॉ. सुरेश कुमार द्वारा माना गया कार्यक्रम के उपरोक्त अवसर पर डॉ. जितेंद्र पाटीदार ,मयंका पलासिया एवं महाविद्यालय के समस्त विद्यार्थी उपस्थित थे।