पावक और प्रभास को मिला नया घर: गांधी सागर अभियारण में जल्द होगी और चितो की बसाहट

मंदसौर जिले का गांधी सागर अभयारण्य चीतों का नया घर बन गया है। सीएम डॉ. मोहन यादव ने रविवार शाम को पावक और प्रभास नाम के दो चीतों को अभयारण्य के बाड़े में छोड़ा। पिंजरा खुलते ही एक एक करके दोनों ही चीतों ने बाड़े में दौड़ लगा दी।
पावक और प्रभास दोनों ही चीतों को कूनो नेशनल पार्क से गांधी सागर अभयारण्य लाया गया हैं। नर चीते पावक और प्रभाष करीब 6-6 साल के हैं। इन दोनों को दक्षिण अफ्रीका से 18 फरवरी 2023 को लाया गया था। दोनों ही सगे भाई है।
8 घंटे का सफर तय कर पहुंचे दोनों चीते
श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क से रविवार सुबह 8 बजे गांधी सागर के लिए चीतों को लेकर टीम रवाना हुई थी, जो दोपहर करीब 4 बजे गांधी सागर पहुंची। दोनों को ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में रखा गया था। ये वही पिंजरे हैं, जिन्हें चीतों को दक्षिण अफ्रीका से लाने के लिए तैयार किया गया था।
वातानुकूलित गाड़ी में दोनों को अलग-अलग पिंजरे में रखा गया था। ये चीते राजस्थान के कोटा, झालावाड़ होते हुए 8 घंटे में 360 किलोमीटर की दूरी बिना रुके तय कर गांधी सागर पहुंचे। यहां इन्हें 6 वर्ग किमी के बाड़े में छोड़ा गया।
ही सगे भाई है।
अभयारण्य में 8-10 चीतों को बसाने का इंतजाम गांधी सागर अभयारण्य में वन विभाग ने चीतों के लिए 8900 हेक्टेयर का विशेष क्षेत्र तैयार किया है। यहां 8 से 10 चीतों को बसाने की व्यवस्था की गई है।
चीतों के भोजन के लिए अभयारण्य में 150 से अधिक चीतल, 80 से अधिक चिंकारा, 50 से अधिक व्हाइट बोर्ड और 50 से अधिक नीलगाय मौजूद हैं। इसके अलावा यहां पहले से ही हिरणों की अच्छी-खासी संख्या है।