अब गांव-गांव घूम रहे रेशमी जुल्फों के कद्रदान: फेरी लगा कर खरीदे जा रहे बाल, भारत के बालों के कोलकाता और विदेशों में भी खरीदार

रामपुरा । चांदी जैसा रंग है तेरा सोने जैसे बाल .., ये रेशमी जुल्फे शरबती आंखें
.. जैसे गीतों पर फिल्में हिट हो चुकी हैं, लेकिन अब यह बाल जिले में लोग फेरी लगा कर खरीद रहे हैं। भंगार और मनिहारी का सामान बेचने वाले युवा अब गांव मोहल्लों में फेरी लगा कर 3000 रुपये किलों के भाव पर बाल खरीदते हैं। नीमच से खरीदे हुए यह बाल कोलकाता भेजे जाते हैं। यही नहीं मालवा की महिलाओं के झड़े हुए बालों की विदेशों में भी खासी डिमांड है।
झड़े हुए बाल खरीदने के लिए बाइक से युवक-युवतियां तौल माइक से आवाज लगाते गलियों में
पहुंच रहे हैं। ये घरेलू उपयोग की चीजें बेचते हैं और इस दौरान बालों को खरीदते हैं। इससे उन्हें दोहरा मुनाफा हो जाता है। महाराष्ट्र से यहां झुग्गी बस्ती में निवास कर परिवार का गुजारा करने की जुगत में लगी ज्योति और मिथुन बताते हैं कि वे तौल कांटा साथ में रखते हैं। 150 रुपए के 50 ग्राम, 300 के 100 ग्राम बाल खरीदते हैं। उनके परिवार के दो लोग और
हैं वे भी बाल खरीदते हैं। अब झड़े बालों को सहेजती
हैं महिलाएं घनेरी हैं। जुल्फों के कद्रदान शायर और प्रेमी ही नहीं, कोई ओर भी हैं। आपकी कंघी करने के दौरान झड़ चुकी जुल्फों के लिए लोग 3000 रुपए तक देने को तैयार हैं। इन्हें खरीदने का क्रेज इतना है कि लोग फेरी लगाकर गली मोहल्ले में घूम रहे हैं। अलबत्ता, बाल खरीदने वालों की शर्त यह होती है कि बाल कटे न हो, बल्कि कंघी से झड़े हों। बाल की लंबाई भी पांच इंच से कम न हो। हालत यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं अब झडे बालों को भी सहेज रही
होता है अच्छा मुनाफा गांवों में फेरी लगा कर बिंदिया, कंगन और मनहारी का सामान बेचने वाली ज्योति बताती है कि फेरी लगाने के दौरान वह 3000 रुपये किलों के भाव से बाल खरीदती है। 50 ग्राम बाल के 150 रुपये और 100 ग्राम बाल के 300 रुपये दिए जाते हैं। वह महीने भर में एक से डेढ़ किलो बाल खरीद लेती है। परिवार में चार लोग यह काम करते हैं। जिससे औसतन 3-4 किलो बाल हर महीने एकत्रित हो जाते हैं। ये बाल वह कोलकाता में बेचते हैं। अब उनका अच्छा संपर्क हो गया है तो बाल कई बार पार्सल से भेजे जाते हैं। वहां से यूपीआई से उन्हें रुपए मिल जाते हैं। एक किलो
बाल पर 500-1000 रुपए तक मुनाफा होता है। अब विदेशों में भी बालों की बिक्री होती है। सबसे बड़ा खरीदार चीन है।
झड़े बालों से बनाते हैं विग उल्लेखनीय है कि कंघी से झड़े
बालों को ट्रांसप्लांट करने और विग बनाने का काम किया जाता है। झड़े बालों को साफ कर केमिकल में रखा जाता है। फिर उन्हे सीधा कर उपयोग में लिया जाता है। ये बाल कैंसर अस्पतालों में भी बेचे जाते हैं, कीमोथेरेपी से जिन मरीजों के बाल झड़ जाते हैं, उनके लिए इससे विग तैयार किए जाते हैं।