नीमच

religious rituals धर्म संस्कार के बिना बेटियों की सुरक्षा नहीं हो सकती-अमी दर्शाश्री जी महाराज साहब, अमृत प्रवचन श्रृंखला प्रवाहित, Best 1 Speech

religious rituals धर्म संस्कार के बिना बेटियों की सुरक्षा नहीं हो सकती-अमी दर्शाश्री जी महाराज साहब, अमृत प्रवचन श्रृंखला प्रवाहित,

नीमच। religious rituals धर्म संस्कार के बिना बेटियों की सुरक्षा नहीं हो सकती है। माता-पिता स्वयं भी धर्म संस्कारों को जीवन में आत्मसात कर उसका धर्म ग्रंथो के अनुसार संयम नियम भक्ति तपस्या का पालन करें तो हमारे आने वाले नई पीढ़ी और छोटे बच्चे भी धर्म संस्कारों को जीवन में आत्मसात कर अपने जीवन के कल्याण कर सकेंगे। विधर्मियों द्वारा हमारी बेटियों को भावनात्मक रूप से डरा धमका कर झूठे व भावनात्मक प्रेम प्रसंग की आड़ में लव जिहाद का शिकार बनाया जा रहा है।

मां बहन बेटियों को लव जिहाद से बचाना है तो धर्म संस्कार से जोड़ना होगा। सभी बच्चों को बचपन से ही धर्म संस्कार से जोड़ना चाहिए तभी आने वाली पीढ़ी धर्म के साथ सुरक्षित जीवन यापन कर सकेगी।यह बात साध्वी अमी पूर्णा श्रीजी महारासा की शिष्या अमी दर्शा श्री जी महाराज साहब ने कहीं। वे श्री जैन श्वेतांबर भीडभंजन पार्श्वनाथ मंदिर ट्रस्ट नीमच के तत्वाधान में पुस्तक बाजार स्थित नवीन आराधना भवन में आयोजित धर्म प्रवचन सभा में बोल रही थी।

उन्होंने कहा कि 13 से 16 वर्ष की आयु में युवतियां भावनात्मक प्रेम के झूठे प्रसंग में लव जिहाद का शिकार हो जाती है। प्यार अंधा होता है। लेकिन इसके परिणाम बहुत गंभीर होते हैं।बेटियों को सच्चाई समझ में आती है जब तक बहुत देर हो जाती है। सभी समाज के बेटियों से आह्वान किया जाता है कि वह अपने ही समाज में विवाह करें और अपने जीवन की सुरक्षा स्वयं करें।सम्यक ज्ञान दर्शन बिना आत्मा का कल्याण नहीं हो सकता है।

अमी दर्शाश्री जी महाराज साहब

ज्ञान दर्शन चरित्र मोक्ष का मार्ग है। और पाप दोनों ही यदि साथ चलते हैं तो जीवन में मोक्ष नहीं मिल सकता है।पाप का त्याग कर केवल पुण्य मार्ग पर ही चलेंगे तो जीवन में मोक्ष मिल सकता है ।अन्यथा जीवन में मोक्ष कभी नहीं मिल सकता है। यदि माता-पिता सदैव सत्य बोलेंगे और रात्रि भोज का त्याग करेंगे तो बच्चे भी उसके अनुपालना करेंगे। आत्मा को पवित्र बनाना है तो धर्म उपदेशों को जीवन में आत्मसात करना होगा।

इस अवसर पर मालवा की लाल माटी की पवित्र धरा नीमच की बेटी साध्वी जिनांग श्री जी महाराज साहब ने कहा कि संसार में रहते हुए मनुष्य यदि पुण्य कर्म करता है और सत्य व जीव दया के साथ आगे बढ़ता है यदि वह झोपड़ी में भी रहता है तो संतोष के साथ सुखी जीवन जी सकता है लेकिन यदि वह झूठ बोलता है और पाप कर्म करता है तो बंगले में रहने के बाद भी वह दुखी ही रह सकता है। मध्यम व्यक्ति जहां है जैसा है में ही संतोष में रहता है तो वह सदैव सुखी रहता है जिसकी इच्छाएं सीमित होती है।

इच्छा नहीं होती है वह भी सुखी रहता है इच्छा रहती है वह व्यक्ति सदैव दुखी रहता है। भौतिक संसार काआकर्षण व्यक्ति को दुख देता है ।सुख कभी नहीं देता है ।इसलिए संसार के भौतिक सुख संसाधनों के प्रति समान भाव रखना चाहिए ना ज्यादा राग रखना चाहिए । ना अनुराग रखना चाहिए तभी हमारी आत्मा का कल्याण हो सकता है।संसार में रहेंगे तो दुःख ही दुःख मिलेगा और संसार से वीरक्त रहेंगे तो आत्मा का कल्याण होगा और सदैव सुख ही सुख मिलेगा।

धर्म सभा का संचालन विजय छाजेड़ ने किया। इस अवसर पर विकास नगर श्री संघ की ओर से वरिष्ठ समाज सेवी प्रेम प्रकाश जैन एवं राजेंद्र बंबोरिया द्वारा विकास नगर में साध्वी महाराज श्रीआदि ठाणा के पधारने की विनती की गई।

religious rituals धर्म संस्कार के बिना बेटियों की सुरक्षा नहीं हो सकती-अमी दर्शाश्री जी महाराज साहब, अमृत प्रवचन श्रृंखला प्रवाहित, Best 1 Speech

Daughters cannot be protected without religious rituals – Ami Darshan Shri Ji Maharaj Saheb, Amrit Sermon Series ongoing,

Neemuch. Without religious values, daughters cannot be protected. If the parents themselves imbibe the religious values in their life and follow the rules of restraint, devotion and penance as per the religious scriptures, then our coming new generation and younger children will also be able to benefit their lives by imbibing the religious values in their life. Our daughters are being emotionally intimidated by the heretics and are being made victims of Love Jihad under the guise of false and emotional love affairs.

If we want to save mothers, sisters and daughters from Love Jihad, then we will have to connect them with religious values. All children should be associated with religious values since childhood, only then the coming generation will be able to live a safe life with religion. This was said by Sadhvi Ami Purna Shriji Maharasa’s disciple Ami Darchaan Shri Ji Maharaj Saheb. She was speaking in the religious discourse meeting organized at Naveen Aradhana Bhavan located in Book Market under the aegis of Shri Jain Shwetambar Bhidbhanjan Parshvanath Temple Trust, Neemuch.

He said that girls between the age of 13 to 16 years become victims of love jihad in the false context of emotional love. love is blind. But its consequences are very serious. The daughters understand the truth until it is too late. Daughters of all communities are urged to marry within their own community and protect their own lives. Without proper knowledge and philosophy, there can be no welfare of the soul. Knowledge philosophy is the path to character salvation.

If both sins and vices go together then salvation cannot be achieved in life. If you give up sin and walk only on the path of virtue then you can attain salvation in life. Otherwise you will never attain salvation in life. Could. If parents always tell the truth and skip dinner, children will also follow it. If the soul is to be purified, then religious teachings will have to be assimilated in life.

On this occasion, Sadhvi Jinang, daughter of Neemuch, the sacred land of red soil of Malwa, Shri Ji Maharaj Saheb said that if a person does virtuous deeds while living in the world and moves forward with truth and kindness to living beings, even if he lives in a hut, then One can live a happy life with satisfaction but if he lies and commits sins then he can remain unhappy even after living in the bungalow. An average person remains content with where he is and as he is, so he always remains happy.

The one who has limited desires also remains happy. The one who has desires always remains unhappy. The attraction of the material world gives sorrow to a person and never gives happiness. Therefore, one should have equal feelings towards the material comforts and resources of the world and should not have too much attachment. We should not have any affection, only then our soul can get welfare. If we live in the world, we will get only sorrow and if we remain detached from the world, then the soul will get welfare and we will always get happiness.

Vijay Chhajed conducted the religious gathering. On this occasion, on behalf of Vikas Nagar Shri Sangh, senior social workers Prem Prakash Jain and Rajendra Bamboriya requested Sadhvi Maharaj Shri Aadi Thana to visit Vikas Nagar.

religious rituals धर्म संस्कार के बिना बेटियों की सुरक्षा नहीं हो सकती-अमी दर्शाश्री जी महाराज साहब, अमृत प्रवचन श्रृंखला प्रवाहित, Best 1 Speech

यह भी पढ़ें : जब जब धरती पर पाप बढ़ते हैं। महापुरुष अवतार लेते हैं- पंकज कृष्ण महाराज, श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा प्रवाहित

नीमच। Earth  जब जब धरती पर पाप बढ़ता है तब तब महापुरुष अवतार लेते हैं। हरि अनंत हरि कथा अनंत होती है। इसलिए सदैव पाप पुण्य में अंतर करना सीखना चाहिए और सदैव पुण्य कर्म करते रहना चाहिए। पाप से सदैव बचना चाहिए झूठ कभी नहीं बोलना चाहिए। सदैव सत्य बोलना चाहिए। यह बात भगवताचार्य पंकज कृष्ण महाराज ने कही। वे इन्दिरा नगर स्थित शनि मंदिर परिसर नीमच पर आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि 7 दिन तक श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा श्रवण करने से राजा परीक्षित को मुक्ति मिल गई थी। युवा वर्ग परमात्मा की भक्ति में समर्पण भाव से लीन हो और मन के भाव पवित्र रखे तो ही सच्ची साधना हो सकती है और सच्ची साधना से ही आत्मा का कल्याण होता है। शुकदेव मुनि ने माता के गर्भ में 12 वर्ष तक तपस्या की थी। परमात्मा के साक्षात दर्शन कर लिए थे। राजा परीक्षित संसार में एकमात्र व्यक्ति थे जिन्हें 7 दिन पहले मृत्यु का आभास हो गया था।

धर्म संस्कार, religious rituals, अमी दर्शाश्री जी महाराज साहब, धर्म संस्कार, religious rituals, अमी दर्शाश्री जी महाराज साहब, धर्म संस्कार, religious rituals, अमी दर्शाश्री जी महाराज साहब

Related Articles

Back to top button