मध्यप्रदेश

New Opium Policy नवीन अफीम नीति 2024-25 में सुधार को लेकर सांसद सुधीर गुप्ता ने वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से मुलाकात की, Good

New Opium Policy नवीन अफीम नीति में सुधार को लेकर सांसद सुधीर गुप्ता ने वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से मुलाकात की

मंदसौर। अफीम नीति, नवीन अफीम नीति, New Opium Policy, अफीम नीति 2024-25, opium policy of 2024-25,  नवीन अफीम नीति में सुधार को लेकर सांसद सुधीर गुप्ता ने वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। सोमवार को नई दिल्ली में सांसद सुधीर गुप्ता ने अफीम नीति 2024-25 को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण और केंद्रीय वित्त सचिव संजय मल्होत्रा से भेंट की एवं संसदीय क्षेत्र के अफीम किसानों के संबध में विभिन्न विषयों में विस्तारपूर्वक चर्चा की।

सांसद गुप्ता ने चर्चा करते हुए कहा कि जिन किसानों के 1995 के बाद लाइसेंस जारी नहीं हुए हैं और जिन्हे गाढ़ता व किसी भी अपराध में सम्मिलित नहीं होने के बावजूद भी अफीम के लाइसेंस जारी नहीं किए हैं, ऐसे किसानों को वर्ष 2024-25 की नवीन अफीम नीति में सम्मिलित किया जाए।

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क्षेत्र में ऐसे अफीम किसानों की संख्या लगभग 50 हजार है। उन्होंने बताया कि मालवा क्षेत्र का किसान काफी मेहनती है और अपनी मेहनत और पूरी ईमानदारी में विश्वास रखता है। साथ ही उन्होंने 2024-25 की अफीम नीति को समय पूर्व जारी करने की मांग भी रखी और कहां की संपूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन की जाए व प्रक्रिया पूरी करने में विभाग किसानों को पूर्णत सहयोग करें , क्योंकि समय से अफीम लाइसेंस जारी करने पर किसान को बोवनी समय पर करने का मौका मिलेगा और वह उचित मानक की फसल प्राप्त कर सकेगा।

सांसद गुप्ता ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री और मोदी सरकार किसानों की आय को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और उसके सकारात्मक परिणाम भी आ रहे हैं। जहॉ पर वर्ष 2014 में अफीम लाईसेंस की संख्या मात्र 18 हजार थी, लेकिन मोदी सरकार के आने के पश्चात अफीम किसानों को खेती में होने वाली समस्याओं को केन्द्र सरकार ने समझा एवं किसानों के हीतों को ध्यान में रखकर प्रतिवर्ष पॉलिसी का निर्माण किया गया, जिससे इस वर्ष तक अफीम लाईसेंस की संख्या बढ़कर लगभग 1 लाख से भी अधिक हो गयी हैं।

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इसी के साथ ही उन्होने किसानों के कई विषय भी रखे। इस पर वित्तमंत्री व वित्त सचिव द्वारा पूरा आश्वासन दिया गया कि सरकार किसानों के हित में कोई भी निर्णय लेने से पीछे नही हटेगी। इस अवसर पर चित्तौड़गढ़ के सांसद और राजस्थान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी भी साथ थे

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MP Sudhir Gupta met Finance Minister Smt. Nirmala Sitharaman regarding improvement in the new opium policy.

On Monday, in New Delhi, MP Sudhir Gupta met Union Finance Minister Smt. Nirmala Sitharaman and Union Finance Secretary Sanjay Malhotra regarding Opium Policy 2024-25 and discussed in detail various topics related to opium farmers of the parliamentary constituency.

While discussing, MP Gupta said that those farmers who have not been issued licenses after 1995 and who have not been issued opium licenses despite being rich and not involved in any crime, such farmers will be given new license for the year 2024-25. Opium should be included in the policy.

The number of such opium farmers in the area is approximately 50 thousand. He told that the farmers of Malwa region are very hardworking and believe in their hard work and complete honesty. Along with this, he also demanded to release the opium policy of 2024-25 ahead of time and the entire process should be done online and the department should fully cooperate with the farmers in completing the process, because if the opium license is issued on time, the farmer will get time to sow. But he will get a chance to do so and he will be able to get a crop of proper standard.

कला एवं संस्कृति

MP Gupta said that the Prime Minister of the country and the Modi government are making continuous efforts to increase the income of farmers and positive results are also coming. Whereas in the year 2014, the number of opium licenses was only 18 thousand, but after the coming of Modi government, the central government understood the problems faced by opium farmers in farming and a policy was made every year keeping in mind the interests of the farmers, which By this year the number of opium licenses has increased to more than 1 lakh.

Along with this, he also discussed many issues related to farmers. On this, full assurance was given by the Finance Minister and Finance Secretary that the government will not shy away from taking any decision in the interest of farmers. On this occasion, Chittorgarh MP and Rajasthan State BJP President CP Joshi was also present.

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मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के लिए फसल वर्ष 2023-24 में अफीम पोस्त की खेती के लिए वार्षिक लाइसेंसिंग नीति की घोषणा की गई


इन तीनों राज्यों से लगभग 1.12 लाख किसानों को लाइसेंस प्राप्त होने का अनुमान है, इनमें पिछले साल की तुलना में 27,000 अतिरिक्त किसानों को शामिल किया गया

केंद्र सरकार ने आज मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल वर्ष 2023-24 में अफीम पोस्त की खेती के संबंध में लाइसेंस की वार्षिक लाइसेंसिंग नीति की घोषणा की है। इस नीति में शामिल सामान्य शर्तों के अनुसार इन राज्यों में लगभग 1.12 लाख किसानों को लाइसेंस दिए जाने की संभावना है

इसमें पिछले फसल वर्ष की तुलना में 27,000 अतिरिक्त किसान शामिल हैं। इस लाइसेंस को प्राप्त करने वाले लगभग 54,500 योग्य अफीम किसान मध्य प्रदेश से हैं। वहीं, राजस्थान के लगभग 47,000 और उत्तर प्रदेश के 10,500 किसान हैं। यह आंकड़ा साल 2014-15 को समाप्त होने वाली पांच साल की अवधि के दौरान लाइसेंस दिए गए किसानों की औसत संख्या का लगभग 2.5 गुना है।

यह बढ़ोतरी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शारीरिक दर्द कम करने संबंधी देखभाल और अन्य चिकित्सा उद्देश्यों के लिए औषध (फार्मास्युटिकल) तैयारियों की बढ़ती मांग को पूरा करने के उद्देश्य से की गई है। साथ ही, इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि अल्केलॉइड उत्पादन घरेलू मांग के साथ-साथ भारतीय निर्यात उद्योग की जरूरतों को भी पूरा कर सके।

इस वार्षिक लाइसेंस नीति की मुख्य विशेषताओं में पहले की तरह यह प्रावधान शामिल है कि वैसे मौजूदा अफीम किसान, जिन्होंने मॉर्फिन (एमक्यूवाई-एम) की औसत उपज 4.2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के बराबर या उससे अधिक की है, उनके लाइसेंस को जारी रखा जाएगा।

इसके अलावा अन्य मौजूदा अफीम गोंद की खेती करने वाले किसान, जिन्होंने मॉर्फीन सामग्री उपज (3.0 किलोग्राम से 4.2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर) के साथ गोंद की खेती की है, अब केवल पांच साल की लाइसेंस वैधता के साथ कंसेंट्रेटेड पॉपी (पोस्त) स्ट्रॉ (खसखस या भूसा) (सीपीएस) आधारित विधि के लिए योग्य होंगे।

इसके अलावा, साल 2022-23 के सभी सीपीएस-आधारित किसान, जिन्होंने सरकार को अफीम की आपूर्ति की है, लेकिन किसी भी आदेश या निर्देश के तहत वंचित नहीं किया गया है, उनके लाइसेंस को भी इस साल सीपीएस-आधारित खेती के लिए बनाए रखा गया है। केंद्र सरकार ने इस नीति के दायरे में आने वाले किसानों की संख्या बढ़ाने के लिए सीपीएस पद्धति जारी करने को लेकर सामान्य लाइसेंस शर्तों में और अधिक छूट दी है।

साल 2020-21 से अनलांस्ड पोस्त के लिए लाइसेंस की व्यवस्था सामान्य तरीके से शुरू की गई थी और तब से इसका विस्तार किया गया है। वहीं, केंद्र सरकार ने अपने खुद के अल्केलॉइड कारखानों की क्षमता में बढ़ोतरी की है। यह इन कारखानों में अच्छे प्रबंधन अभ्यासों को अपनाने के लिए आगे बढ़ रही है और भारत में अफीम प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने को लेकर पहले से ही अफीम गोंद के प्रसंस्करण के साथ-साथ पॉपी स्ट्रॉ के प्रसंस्करण के लिए निजी क्षेत्र के साथ जुड़ चुकी है।

सरकार का उद्देश्य अनलांस्ड पोस्त के लिए लाइसेंसिंग को और अधिक विस्तारित करने का है। केंद्र सरकार ने कंसेंट्रेटेड पॉपी स्ट्रॉ के लिए इसके लिए पीपीपी आधार पर 100 मीट्रिक टन क्षमता की एक प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने का निर्णय लिया है। इससे भारत न केवल अपनी घरेलू मांग को पूरा करने में सक्षम होगा, बल्कि अल्केलॉइड और अल्केलॉइड-आधारित उत्पादों का निर्यात भी कर सकेगा।

केंद्र सरकार देश में मांग और प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने पर लगातार काम कर रही है। मांग और प्रसंस्करण क्षमता में बढ़ोतरी के साथ यह आशा की जाती है कि आने वाले तीन वर्षों में अफीम पोस्त की खेती के लिए लाइसेंसधारी किसानों की संख्या बढ़कर 1.45 लाख हो जाएगी।

Annual licensing policy announced for opium poppy cultivation in crop year 2023-24 for Madhya Pradesh, Rajasthan and Uttar Pradesh

About 1.12 lakh farmers are expected to get licenses from these three states, which includes 27,000 additional farmers as compared to last year.

The Central Government has today announced the annual licensing policy for farmers of Madhya Pradesh, Rajasthan and Uttar Pradesh in respect of opium poppy cultivation in the crop year 2023-24. As per the general conditions included in this policy, licenses are likely to be given to about 1.12 lakh farmers in these states. This includes 27,000 additional farmers compared to the previous crop year.

Around 54,500 eligible opium farmers who have received this license are from Madhya Pradesh. At the same time, there are about 47,000 farmers from Rajasthan and 10,500 farmers from Uttar Pradesh. This figure is almost 2.5 times the average number of farmers granted licenses during the five-year period ending 2014-15.

This increase is aimed at meeting the growing demand for pharmaceutical preparations for palliative care and other medical purposes both domestically and internationally. Additionally, this will also ensure that alkaloid production can meet the domestic demand as well as the needs of the Indian export industry.

Key features of this Annual Licensing Policy include, as before, the provision that existing opium growers who have achieved an average yield of Morphine (MQY-M) equal to or more than 4.2 kg per hectare will continue to have their licenses. Apart from this, other existing opium gum cultivators, who have cultivated gum with high morphine content yield (3.0 kg to 4.2 kg per hectare), can now produce only concentrated poppy straw with license validity of five years. or chaff) (CPS) based method.

Further, all CPS-based cultivators for the year 2022-23, who have supplied opium to the Government, but have not been deprived under any order or direction, will also have their licenses retained for CPS-based cultivation this year. Is placed. The Central Government has further relaxed the general license conditions for issuing the CPS system to increase the number of farmers covered under this policy.

The licensing regime for unlaunched poppy was introduced in a normal manner from the year 2020-21 and has since been expanded. At the same time, the central government has increased the capacity of its own alkaloid factories. It is moving forward to adopt good management practices in these factories and has already tied up with the private sector for processing of opium gum as well as poppy straw to increase opium processing capacity in India.

The Government aims to further expand licensing for unlanced poppy. The Central Government has decided to set up a processing unit of 100 MT capacity for Concentrated Poppy Straw on PPP basis. This will enable India to not only meet its domestic demand but also export alkaloids and alkaloid-based products.

The central government is continuously working on increasing demand and processing capacity in the country. With increase in demand and processing capacity, it is expected that the number of farmers licensed for opium poppy cultivation will increase to 1.45 lakh in the coming three years.

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जरूरी उत्पादकों के आयत में कमी को लेकर सांसद सुधीर गुप्ता ने लोकसभा में किया प्रश्न

मंदसौर। जरूरी उत्पादकों के आयत में कमी को लेकर सांसद सुधीर गुप्ता ने लोकसभा में किया प्रश्न। सरकार द्वारा कतिपय वस्तुओं की आवक शिपमेंट पर अंकुश लगाते के लिए उठाए गए कदम, उत्पादन सम्बद्ध प्रोत्साहन योजना और अनिवार्य गुणवत्ता मानदंड देश को टीवी, टायर आदि जैसे गैर-जरूरी उत्पादों के आयात की कम करने में सहायता करने को लेकर सांसद सुधीर गुप्ता ने लोकसभा में प्रश्न किया।

सांसद गुप्ता ने कहा कि सरकार का ऐसा कदम देश में किस प्रकार से गैर-जरूरी आयातित वस्तुओं का विशेषण और नियंत्रण करने और आयात गहन क्षेत्र में घरेलू उत्पादन क्षमत्व बढ़ाने में सहायक है। विगत तीन और वर्तमान वित वर्ष के दौरान गैर जरूरी वस्तुओं के आयात में कमी लाकर सरकार द्वारा कुल कितनी राजस्व राशि बचाई गई और सरकार ने इस संबंध में हितधारकों के साथ कोई परामर्श किया है।

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