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MP में भाजपा-कांग्रेस दोनों में बगावत; कई नेताओं ने दिया इस्तीफा, एक बड़े नेता ICU में भर्ती

MP Election: मध्य प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा जैसे-जैसे प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर रही हैं, वैसे-वैसे राज्य में बगावती नेताओं की संख्या बढ़ती जा रही है। सोमवार को भाजपा और कांग्रेस दोनों को को राज्य में कई जगहों पर कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान भाजपा से टिकट ना मिलने के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री और भाजपा नेता उमाशंकर गुप्ता को सीने में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भी भर्ती करवाना पड़ा। यहां उनकी एंजियोप्लास्टी करवानी पड़ी।

उमाशंकर गुप्ता का समर्थन करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि रविवार को 17 मंडल अध्यक्षों और 3 नगरसेवकों सहित लगभग 200 पार्टी कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। गुप्ता को भाजपा ने 2018 में टिकट दिया था। उस चुनाव में उमाशंकर गुप्ता को हार का सामना करना पड़ा था। इस बार भाजपा ने उनका टिकट काट दिया है।

उमाशंकर गुप्ता को टिकट ना दिए जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए भाजपा कार्यकर्ता और गुप्ता के समर्थक मनोज जाट ने बताया कि उमाशंकर गुप्ता के साथ पार्टी द्वारा व्यवहार के कारण काफी तनाव में थे। उन्हें अस्पताल में एंजियोप्लास्टी करानी पड़ी और फिलहाल वह आईसीयू में हैं।

सोमवार को, सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और 78 वर्षीय वरिष्ठ भाजपा नेता रुस्तम सिंह, जो मंत्री रह चुके हैं, ने ‘पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों को पुरस्कार’ का हवाला देते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। शाम होते-होते चंबल क्षेत्र में खासा प्रभाव रखने वाले गुर्जर नेता बसपा में शामिल हो गये।

सोमवार को रिटायर आईपीएस अधिकारी और भाजपा नेता रुस्तम सिंह ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। बता दें कि भाजपा सरकार में रुस्तम सिंह मंत्री भी रह चुके हैं। सोमवार को पार्टी से इस्तीफा देने के बाद रुस्तम सिंह ने बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया।

भाजपा ने मध्य प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से 228 सीटों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। इस लिस्ट में अब तक 3 मंत्रियों समेत 32 विधायकों का टिकट काट दिया है। इस दौरान भाजपा ने दो सीटों -गुना (एससी) और विदिशा के लिए उम्मीदवारों पर फैसला करना बाकी है। निमाड़ क्षेत्र के खंडवा से टिकट की उम्मीद कर रहे पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंद कुमार चौहान के बेटे हर्षवर्द्धन चौहान ने ज्ञानेश्वर पाटिल को टिकट मिलने के बाद पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विरोध करते हुए उनके एक समर्थक ने कहा कि उनके पिता की मृत्यु के बाद खंडवा लोकसभा उपचुनाव के लिए उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया गया था और अब उन्हें टिकट की उम्मीद थी।

भाजपा नेताओं ने कहा कि पूर्व मंत्री रंजना बघेल (धार जिला) और पारस जैन (उज्जैन) और भिंड से पूर्व विधायक रसाल सिंह ने भी पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी है। घटनाक्रम से अवगत पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कम से कम 20 विधानसभा सीटों से भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन की खबरें थीं। जबलपुर उत्तर से अभिलाष पांडे की उम्मीदवारी के विरोध में शनिवार को जबलपुर में केंद्रीय मंत्री और प्रदेश भाजपा मामलों के प्रभारी भूपेन्द्र यादव के गनमैन पर हमला करने के आरोप में भाजपा कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज किया गया।

कांग्रेस में उठ रहे विरोध के सुर

कांग्रेस को भी विरोध का सामना करना पड़ा और कई नेताओं ने पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया। खबरों के मुताबिक, मौजूदा कांग्रेस विधायक अजब सिंह कुशवाह सुमावली से, पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी धरमपुरी (धार), नासिर इस्लाम भोपाल उत्तर से और केदार कंसाना ग्वालियर ग्रामीण से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। सोमवार को शुजालपुर (शाजापुर) और होशंगाबाद (नर्मदापुरम) सीट के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के भोपाल स्थित आवास पर विरोध प्रदर्शन किया।

रविवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बंगले के बाहर विरोध प्रदर्शन करने को लेकर बड़नगर (उज्जैन) से कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल के खिलाफ भोपाल के श्यामला हिल्स पुलिस स्टेशन में सोमवार को एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने कहा कि उनके पचास समर्थकों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है, क्योंकि उनमें से एक ने विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर आत्मदाह का प्रयास किया था।

इस मामले पर बात करते हुए राज्य कांग्रेस के प्रवक्ता स्वदेश शर्मा ने कहा -चूंकि प्रत्येक सीट के खिलाफ कई दावेदार हैं, इसलिए पार्टी को कुछ समस्या का सामना करना पड़ा, लेकिन सब कुछ सौहार्दपूर्ण ढंग से हल कर लिया जाएगा। इस बारे में बात करते हुए प्रदेश भाजपा सचिव रजनीश अग्रवाल ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि पार्टी में कोई विद्रोह है. यदि कुछ छोटे-मोटे मुद्दे हैं तो हमारी पार्टी का नेतृत्व इस पर गौर करेगा। कांग्रेस के विपरीत, भाजपा समर्पित कार्यकर्ताओं की पार्टी है और हम सभी पार्टी की जीत के लिए काम करते हैं।

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