नीमचधर्म

माता रानी की अलौकिक प्रतिमा जहां मिलता था शिवाजी महाराज को अजय होने का आशीर्वाद

चैत्र नवरात्रि में आज हम आपको शक्ति के उसे मंदिर के बारे में बताएंगे जहां शीश नवाने मात्र से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है जहां शिवाजी महाराज को मिलता था जीत का आशीर्वाद जी हां हम बात कर रहे हैं छत्रपति शिवाजी महाराज की कुलदेवी मां तुलजा भवानी के मंदिर के बारे में रामपुरा तहसील मुख्यालय पर पुरानी तहसील प्रांगण में स्थित मां तुलजा भवानी का मंदिर अति प्राचीन होकर चमत्कारी देवी शक्तिपीठ है रामपुरा में देवी के इस मंदिर को लेकर अनेक मान्यताएं हैं नवरात्रि के नौ दिनों में यहां माता के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है मां तुलजा भवानी की अलौकिक मूर्ति पूरे विश्व में केवल तीन जगह विराजित है एक महाराष्ट्र के उस्मानाबाद दूसरराजस्थान के चित्तौड़ के गड़ पर एवं तीसरी मध्यप्रदेश रामपुरा के गड़ में पुरानी तहसील प्रांगड़ में प्राचीन काल में रामपुरा नगर में अनेक मराठा परिवार निवासरत थे मान्यता है कि मराठा समाज के लोग तुलजा भवानी को अपनी कुलदेवी मानते है मां तुलजा भवानी की साधना उपासना से मां वैष्णो देवी हर सिद्धि के समान ही भक्तो को शक्ति धन एवं विद्या की प्राप्ति होती है मंदिर के सेवादार अंकित ओझा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्राचीन समय में रामपुरा के राजा राव रतन सिंह ने मुगलों से युद्ध के दौरान महाराष्ट्र से उक्त प्रतिमा को अपने साथ लेकर आए थे तभी से यह प्रतिमा रामपुरा में विराजित है सेवादार अंकित ओझा बताते हैं कि उनके पूर्वजों द्वारा बताया गया कि शिवाजी महाराज की आराध्य देवी तुलजा भवानी की मूर्ति प्रतिमा यही है जिसे मुगल काल में आक्रमण कारिया से बचाने के लिए उक्त माता की प्रतिमा रामपुरा ले आए थे माता के इस अलौकिक दिव्य स्थान पर प्रति वर्ष अनुसार इस बार भी नवरात्रि में 1 अप्रेल मां भगवती का भव्य जागरण एवं भजन संध्या रामनवमी के पावन अवसर पर विशाल सार्वजनिक भंडारा का आयोजन मां तुलजा भवानी भक्त मंडल द्वारा किया जा रहा है उसी को लेकर मूलभूत व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई है

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