नीमच

सरस्वती ज्ञान पूजा का यज्ञ कभी निष्फल नहीं जाता है- आचार्य प्रसन्नचंद्र सागरजी, चातुर्मासिक मंगल धर्म सभा प्रवाहित

सरस्वती ज्ञान पूजा का यज्ञ कभी निष्फल नहीं जाता है- आचार्य प्रसन्नचंद्र सागरजी, चातुर्मासिक मंगल धर्म सभा प्रवाहित

नीमच। सरस्वती पूजन ज्ञान यज्ञ का फल कभी निष्फल नहीं जाता है। धार्मिक यज्ञ बच्चों के जीवन में नई ऊर्जा का संचार करता है मन के भावों को पवित्र करता है और ज्ञान के प्रति समर्पण भक्ति को जागृत करता है इसीलिए बच्चों को बचपन से ही ज्ञान की धार्मिक पाठशाला से जोड़कर आत्म कल्याण के संस्कार सीखने के लिए सभी माता-पिता अभिभावक को प्रेरणा देना चाहिए ताकि बच्चा संस्कार युक्त ज्ञान प्राप्त कर संसार में रहते हुए भी अपनी आत्मा का कल्याण कर सके।

यह बात श्री जैन श्वेतांबर भीड़ भंजन पार्श्वनाथ मंदिर ट्रस्ट श्री संघ नीमच के तत्वावधान में बंधू बेलडी पूज्य आचार्य श्री जिनचंद्र सागरजी मसा के शिष्य रत्न नूतन आचार्य श्री प्रसन्नचंद्र सागरजी मसा ने कही। वे चातुर्मास के उपलक्ष्य में जाजू बिल्डिंग के सामने पुस्तक स्थित नुतन आराधना भवन में आयोजित सरस्वती ज्ञान यज्ञ धर्म सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यज्ञ पूर्णाहुति साधना का विधान ज्ञान की साधना का विधान 16 महाविद्या देवी साधना यज्ञ के माध्यम से सिखाया गया है।

विधि कारक संजय शास्त्री भाटखेड़ी ने बताया। कि सरस्वती मां पूजन अभिषेक में 9 बजे 50 नन्हे मुन्ने बच्चों ने भाग लिया इस अवसर पर स्नात्र पूजन किया गया। सरस्वती अभिषेक जल और दूध केसर पूजा के साथ किया गया, धूप और दीपक से आरती की गई, मंगल दीवार आरती की गई। इस अवसर पर धार्मिक शिक्षिका प्रवीण कोठारी, नन्हे बच्चे परी लोढ़ा, आरती लोढ़ा, अहर्म, अक्षय बाबेल, नक्श चौरडिया, नव्या चोरडिया आदि सगरावत, एश्वी नंदेचा सहित विभिन्न बच्चे उपस्थित थे।

श्री संघ अध्यक्ष अनिल नागौरी ने बताया कि आज शनिवार सुबह 9 बजे जैन भवन में पांच ज्ञान की पूजा की आराधना व प्रवचन होंगे धर्मसभा में तपस्वी मुनिराज श्री पावनचंद्र सागर जी मसा एवं पूज्य साध्वी जी श्री चंद्रकला श्री जी मसा की शिष्या श्री भद्रपूर्णा श्रीजी मसा आदि ठाणा 4 का भी चातुर्मासिक सानिध्य मिला। समाज जनों ने उत्साह के साथ भाग लिया। उपवास, एकासना, बियासना, आयम्बिल, तेला, आदि तपस्या के ठाठ लग रहे है। धर्मसभा में जावद, जीरन, मनासा, नयागांव, जमुनिया, जावी आदि क्षेत्रों से श्रद्धालु सहभागी बने। धर्मसभा का संचालन सचिव मनीष कोठारी ने किया।

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