नीमच
शिक्षक रफीक उद्दीन हाडा की सेवा निवृत्ति पर ग्रामीणों की हुई आंखें नम गांव में जुलूस निकालकर शाल श्रीफल के साथ किया सम्मान विदाई जुलूस में उमडा ग्रामीणों का हुजूम
- समाज में शिक्षण का पेशा आज भी सबसे पवित्र माना जाता है. मध्य प्रदेश के नीमच जिले के रामपुरा तहसील के श्री रफीक उद्दीन हाडा जैसे शिक्षक हो तो यह बात खुद प्रमाण बन जाती है. 13साल 1 माह तक एक ही स्कूल में हजारों बच्चों का भविष्य बनाने वाले शिक्षक रफीक उद्दीन हाडा के रिटायरमेंट में न केवल पूरा गांव उमड़ा बल्कि आसपास के 25 स्कूलों के टीचर भी पहुंचे. श्री हाडा के रिटायरमेंट के समय हर किसी की आंखें नम हो गई.
- दरअसल, नीमच जिले के पीपल्दा [पठार गांव के माध्यमिक स्कूल में पदस्थ प्रभारी प्रधानद्यपक श्रीहाडा यहां लगातार 13 साल तक बच्चों को पढ़ाते रहे. इस स्कूल से कभी उनका नाता नहीं टूटा. उनका कभी तबादला नहीं किया गया. शनिवार (1 फ़रवरी ) को उन्होंने शिक्षक रहते हुए 13 साल साल 1 महीने का कार्यकाल पूरा किया.
- शिक्षक श्री हाडा की सेवानिवृत्त का मौका बेहद भावुक मौका बन गया. उन्हें विदाई देने के लिए स्कूल में पूरा गांव मौजूद था. इस मौके पर मौजूद स्कूल के पूर्व छात्र औ ग्रामीणों ने बताया कि, ‘हमारे सर, समय के बहुत पाबंद रहे. सर्दी, गर्मी, बरसात मौसम कोई भी हो, समय से पहले वही स्कूल पहुंचते थे. कोई बच्चा स्कूल नहीं आता तो उसे घर जाकर स्कूल लेकर आते थे. उनकी इस कर्तव्य निष्ठा का परिणाम था कि जिस गाव के बच्चे आठवी से ज्यादा कोई पड़ा लिखा नहीं था उस गांव के बच्चे आज नवोदय कॉलेज आई टी आई सहित समाज के विभिन्न क्षेत्रों में नाम रोशन कर रहे हैं.’
- पढ़ाने के तरीके और व्यवहार से बने बच्चों के फेवरिट
- गांव के अन्य लोगों ने बताया कि ये अपने आप में एक रिकॉर्ड है पीपल्दा पठार जो कि एक आदिवासी एवं बंजारा बाहुल्य गांव है वहां श्री हाड़ा सामाजिक समरसता एवं कोमी एकता की मिसाल बनकर शिक्षक रफीउद्दीन हाडा स्कूल से रिटायर हो रहे ग्रामीण बताते हैं हैं. शिक्षक रफीक उद्दीन हाडा ने जिस समय पीपल्दा पठार में प्रभारी प्रधान अध्यापक के तौर पर की नौकरी ज्वाइन की थी. उस समय ग्रामीणों में शिक्षा का स्तर न के बराबर था बच्चे स्कूल नहीं आते थे, तब वह घर-घर जाकर बच्चों को पढ़ाते थे. धीरे-धीरे उनका व्यवहार देखकर परिजनों ने बच्चों को स्कूल भेजना शुरू किया. स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ती गई. अपने पढ़ाने के अलग तरीके और सरल व्यवहार के कारण वह सभी बच्चों के लिए पसंदीदा शिक्षक बन गए. श्री हाडा की रिटायरमेंट के मौके पर ग्रामीणों ने श्री हाड़ा को बैंड बाजो के साथ गांव में भ्रमण करवाकर उनका शाल श्रीफल पुष्पमाल से उनका सम्मान किया
- शिक्षा विभाग ने भी रिटायरमेंट पर किया सम्मान
- लोकप्रिय शिक्षक श्री
रफीउद्दीन हाडा की विदाई की जानकारी लगते ही सिर्फ गांव के लोग ही नहीं बल्कि जन शिक्षा केंद्र के अंतर्गत आने वाले 25 स्कूलों के शिक्षक भी पहुंच गए. इस मौके पर अश्रुपूर्ण विदाई के साथ गांव के लोगों ने शिक्षक का सम्मान किया. शिक्षा विभाग की ओर से भी रिटायरमेंट पर शिक्षक रफीउद्दीन हाड़ा का सम्मान किया गया.