शासकीय महाविद्यालय रामपुरा में जलवायु परिवर्तन एवं जैव विविधता: चुनौतियाँ और अवसर विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार सम्पन्न

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शासकीय महाविद्यालय रामपुरा में “जलवायु परिवर्तन एवं जैव विविधता: चुनौतियाँ और अवसर” ” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का सफल आयोजन किया गया। इस वेबिनार का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन एवं जैव विविधता संरक्षण के परस्पर संबंधों पर जागरूकता बढ़ाना तथा नवीन अनुसंधान दृष्टिकोणों पर चर्चा करना रहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं वंदना के साथ किया गया अग्रणी महाविद्यालय नीमच प्राचार्य डॉ.प्रशांत मिश्रा ने प्रतिभागियों को प्रेरक उद्बोधन दिया,महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बलराम सोनी ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन आज वैश्विक चिंता का विषय बन चुका है और जैव विविधता संरक्षण के बिना सतत विकास संभव नहीं है। जनभागीदारी अध्यक्ष श्री करुण माहेश्वरी द्वारा प्रतिभागियों एवं विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी।
व्याखान की श्रृंखला में मुख्य वक्ता डॉ.हर्ष पीपील ,दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी ने अपने व्याख्यान में जलवायु परिवर्तन के वैज्ञानिक पहलुओं, जैव विविधता पर इसके प्रभाव तथा संरक्षण की रणनीतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ.डी.एम.कुमावत, विभागाध्यक्ष पर्यावरण प्रबंधन विभाग सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय उज्जैन ने इस बात पर बल दिया कि जैव विविधता का संरक्षण केवल पर्यावरणीय दायित्व नहीं बल्कि मानव अस्तित्व की मूलभूत आवश्यकता है।
इसके लिए समाज, सरकार, वैज्ञानिक समुदाय और शैक्षणिक संस्थानों को मिलकर सतत विकास की दिशा में कार्य करना होगा। डॉ.शुभांगी के. जंगले ने युवाओं से अपील की कि वे पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता फैलाने में अग्रणी भूमिका निभाएँ। अंत में उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे प्रयास, जैसे वृक्षारोपण, ऊर्जा की बचत और प्लास्टिक उपयोग में कमी, बड़े परिवर्तन का आधार बन सकते हैं।
इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ. भरत कुमार धनगर ने विषय की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस प्रकार के शैक्षणिक कार्यक्रम न केवल ज्ञानवर्धक होते हैं बल्कि विद्यार्थियों में पर्यावरणीय चेतना भी जाग्रत करते है।
अंत में वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो.जेड.एच.बोहरा ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों एवं तकनीकी टीम का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. एन. के. डबकरा,डॉ. हेमकांत तुगनावत, समस्त महाविद्यालय स्टाफ एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे ।

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