नीमच

राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देशानुसार जिले में FLN की गतिविधियों को सुचारू पूर्ण संचालन हेतु प्राथमिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है

राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देशानुसार जिले में FLN की गतिविधियों को सुचारू पूर्ण संचालन हेतु प्राथमिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है

नीमच।  इस इस कड़ी में अगस्त माह में तीनों जनपद शिक्षा केंद्रों द्वारा विकासखंड मुख्यालय पर तीन चरणों मे प्रशिक्षण आयोजित किए गए । जिसमें कक्षा एक और दो पढ़ाने वाले समस्त प्राथमिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। अब दिनांक 2 सितंबर से जिले के तीनों विकासखंड मुख्यालय पर कक्षा तीन और चार पढ़ाने वाले समस्त प्राथमिक शिक्षकों का प्रशिक्षण प्रारंभ हो चुका है। जिसकी पहली बैच का आज समापन हुआ जिसमें डीपीसी महोदय श्री डीके व्यास जी ने सहभागिता कर प्रशिक्षण का सूक्ष्मता से अवलोकन किया एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए। साथ ही जिले के अकादमिक लक्ष्य की पूर्ति के लिये शिक्षकों के सतत प्रयास हेतु मार्गदर्शन देते हुए प्रेरित किया गया।

राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देशानुसार जिले में FLN की गतिविधियों को सुचारू पूर्ण संचालन हेतु प्राथमिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है

फाऊंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमैरेसी (FLN)भारत सरकार के निपुण भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु तैयार किया गया कार्यक्रम है इसमें नर्सरी, KG1,KG2 व कक्षा एक और दो फाऊंडेशनल स्टेज तथा कक्षा तीन,चार,पांच प्रिपरेटरी स्टेज होती है इस प्रिपरेटरी स्टेज में शिक्षण की गतिविधियों के सफल संचालन के प्रशिक्षण देने हेतु जिले से तीनों जनपद शिक्षा केदो से आठ आठ मास्टर ट्रेनर चार विषय के लिए प्रशिक्षण लेकर आए एवं अब इन चार विषयों का तीनों विकासखंड के समस्त कक्षा 3 और 4 पढ़ने वाले शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें हिंदी ,अंग्रेजी, गणित और पर्यावरण यह चार विषय सम्मिलित हैं । प्रशिक्षण जनपद शिक्षा केंद्र के विकासखंड स्त्रोत समन्वयक द्वारा राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देशन में आयोजित किए जा रहे हैं।

प्रशिक्षण के संपूर्ण कार्यक्रम को एकेडमिक शाखा द्वारा संचालित और मॉनिटर्ड किया जाता है। जिसमें एकेडमिक समन्वयक पंडित अंबिका प्रसाद जोशी, निपुण प्रोफेशनल अर्पित शर्मा एवं डाइट सम्मिलित हैं ,के द्वारा प्रत्येक चरण का सूक्ष्मता से निरीक्षण एवं मॉनिटरिंग की जाती है जिससे कि प्रशिक्षण के मापदंड उच्च स्तर के हो एवं प्रशिक्षणकर्ता इसे गंभीरता से सीखे और कक्षा में लागू करें।

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