मध्यप्रदेश के 12500 ग्रामों में 15 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित किए गए

मध्यप्रदेश के 12500 ग्रामों में 15 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित किए गए
स्वामित्व योजना के अंतर्गत संपत्ति कार्ड को लेकर सांसद गुप्ता ने लोकसभा में किया प्रश्न
मंदसौर। स्वामित्व योजना को लेकर सांसद सुधीर गुप्ता ने लोकसभा में प्रश्न किया। सांसद गुप्ता ने कहा कि वर्ष 2020 में ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत प्रौद्योगिकी के साथ गांवों का सर्वेक्षण और मानचित्रण (स्वामित्व) योजना की शुरुआत के बाद से लेकर अब तक इसके अंतर्गत सरकार द्वारा विभिन्न गांवों में दिए गए संपत्ति कार्डों की कुल संख्या कितनी है। सरकार ने हाल ही में 12 राज्यों और संघ राज्यक्षेत्रों के 50,000 से अधिक गांवों के लाभार्थियों को स्वामित्व योजना के अंतर्गत 6.5 मिलियन संपत्ति कार्ड दिए हैं ।
उन्होने कहा कि योजना के अंतर्गत देश के विभिन्न गांवों में आज की तिथि के अनुसार किए गए कुल ड्रोन मानचित्रण का राज्यवार ब्यौरा क्या है। उक्त योजना देश के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में प्रगति लाने के अपने उद्देश्य को पूरा करने में किस प्रकार लाभदायक सिद्ध हुई है और ग्रामीण क्षेत्र में भूमि सर्वेक्षण का कार्य राज्यवार कब तक पूरा कर लिया जाएगा।
प्रश्न के जवाब मंे पंचायती राज राज्य मंत्री प्रोफ. एस. पी. सिंह बघेल ने बताया कि स्वामित्व योजना ने अप्रैल 2020 में अपनी स्थापना के बाद से लेकर अब तक 1.59 लाख गांवों में 2.38 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार करने की सुविधा प्रदान की है। प्रधानमंत्री ने 18 जनवरी, 2025 को 10 राज्यों और 2 संघ राज्य क्षेत्रों के 52,000 ग्रामीण क्षेत्रों में 6.5 मिलियन संपत्ति कार्डों के ई-वितरण का निरीक्षण किया है। इसमें उत्तर प्रदेश के 29501 ग्रामों में 4535680 और मध्यप्रदेश में 12350 ग्रामों में 1563000 संपत्ति कार्ड वितरित किए गए। उन्होने बताया कि 3 फरवरी, 2025 तक, 31 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रोंके 3.18 लाख गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो चुका है।
मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, दिल्ली, लद्दाख और लक्षद्वीप में भी ड्रोन सर्वेक्षण पूरा किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त इस योजना को हरियाणा, उत्तराखंड, गोवा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पुडुचेरी और त्रिपुरा में भी पूरा कर लिया गया है। उन्होने बताया कि स्वामित्व योजना का उद्देश्य ड्रोन तकनीक के जरिए ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों में गांवों का सीमांकन करना है और ग्रामीण आवासीय संपत्तियों हेतु अधिकारों का रिकॉर्ड और संपत्ति कार्ड तैयार करना है। यह पहल कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त संपत्ति कार्ड को बंधक हेतु स्वामित्व के प्रमाण के रूप में प्रदान करके संपत्ति के मुद्रीकरण और संस्थागत ऋण/बैंक ऋण तक पहुंच की सुविधा प्रदान करती है और संपत्ति विवादों को कम करती है/निपटान करती है।
इसके अतिरिक्त व्यापक ग्राम-स्तरीय योजना को सक्षम बनाती है, जो अंततः ग्राम स्वराज और आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत जैसी योजनाओं में योगदान देती है। स्वामित्व योजना हरियाणा, उत्तराखंड, गोवा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पुडुचेरी और त्रिपुरा में अपने चरम पर पहुंच गई है। इस योजना को 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया है, जिसके बाद अन्य सभी भाग लेने वाले राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के भी अपने चरम पर पहुंचने की उम्मीद है।