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ज्ञानवापी मंदिर में मेरे पूर्वजों ने की शिवलिंग की रक्षा, केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने किया दावा

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देशभर की निगाहें ज्ञानवापी परिसर मामले के फैसले पर टिकी हुई है। इस बीच इसे लेकर मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का एक बयान सामने आया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उनके पूर्वजों के द्वारा मुगल आक्रांताओं से काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी शिवलिंग के संरक्षण की जाती थी। उन्होंने यह भी कहा है कि उनकी पूर्वज बैजाबाई ने ज्ञानवापी मंदिर स्थित कुएं में शिवलिंग का संरक्षण किया था। इसके साथ ही सिंधिया ने हिंदू राष्ट्र को लेकर भी अपना बयान दिया है।

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ग्वालियर आगमन पर कहा है कि काशी और ग्वालियर का रिश्ता है। यह रिश्ता कैसे है ? इसके बाद सिंधिया ने कहा, ‘काशी के सबसे बड़े घाट सिंधिया परिवार के द्वारा स्थापित किए गए। गंगा महल और बालाजी घाट सिंधिया परिवार के द्वारा स्थापित किया गया है..यह भी बताना चाहता हूं कि केवल घाट ही नहीं अन्य मंदिर भी और उसके संरक्षण का काम भी सिंधिया राजवंश ने किया है।’

सिंधिया ने कहा कि जिस समय विदेशी आक्रमणकर्ता हमारे देश में आए थे तब महादजी महाराज थे जिन्होंने काशी के मंदिरों का संरक्षण किया। वही बैजाबाई महारानी थीं जिन्होंने ज्ञानवापी कुएं में शिवलिंग का संरक्षण कर केअहिल्याबाई माता के साथ दोबारा वहां काशी को स्थापित करने का कार्य किया था। वहीं सिंधिया ने भारत के हिन्दू राष्ट्र और सत्य कितना परेशान होता इस पर भी बयान दिया। इस वक्त ज्ञानवापी मस्जिद का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट के आदेश पर एएसआई द्वारा सर्वे भी किया गया है। मंदिरों में कई हिंदू धर्म से जुड़े प्रतीक चिन्ह भी मिले हैं। 

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