गुरु पूर्णिमा पर गुरुदेव के चरण वंदना के साथ हुआ भंडारे का आयोजन लोगों ने अपनी-अपनी तरह से गुरुओं को किया नमन
गुरु पूर्णिमा पर गुरुदेव के चरण वंदना के साथ हुआ भंडारे का आयोजन लोगों ने अपनी-अपनी तरह से गुरुओं को किया नमन
: गुरु के प्रति श्रद्धा, सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए वैसे तो कितने ही दिन मिल जाएं कम है, लेकिन गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु से आशीर्वाद लेने और गुरु को पूजने की परंपरा है। गुरु को समर्पित इसी तरह के भावों के साथ गुरुवार को जिलेभर में धूमधाम से गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया गया। जगह जगह भंडारों का आयोजन हुआ, स्कूलों और मंदिरों में पूजन हुआ, साथ ही हर किसी ने अपनी-अपनी तरह से अपने गुरु को नमन किया।
रामपुरा तहसील मुख्यालय पर बड़ा तालाब स्थित दत्त अखाड़ा के समर्थ गुरु बालमुकुंद जी उपाध्याय हर हर महादेव गुरुदेव की तपोस्थली में नवनिर्मित दत्तात्रेय मंदिर पर गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने गुरुदेव की चरण वंदना कर आशीर्वाद लिया इस अवसर पर रामपुरा क्षेत्र सहित कुकड़ेश्वर मनासा नीमच सहित आसपास ग्रामीण क्षेत्र से अनुयायियों ने यहां पहुंच कर अपनी हाजिरी लगाई। इस अवसर पर दत्त अखाड़ा में आयोजित भंडारे का शुभारंभ किया। हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों के जन् प्रतिनिधि शासकीय सेवक गणमान्य नागरिक माताएं बहने समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
पहुंचे हजारों श्रद्धालु : दत्त अखाड़ा में गुरुवार को दिनभर श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। इस अवसर पर श्रद्धालु गुरुदेव की एक झलक पाने को आतुर नजर आए । गुरु पूर्णिमा पर बड़ी संख्या में लोगो ने गुरुदीक्षा ग्रहण की
इस अवसर पर नगर के बस स्टैंड स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर गायत्री महामंत्र का अखंड जप एवं सात कुंडीय गायत्री महायज्ञ में श्रद्धालुओं ने आहुतियां डालीं।
अंधकार से प्रकाश की तरफ ले जाए वही गुरु
दत्त अखाड़ा आश्रम के गुरुदेव बालमुकुंद जी उपाध्याय हर हर महादेव गुरु जी ने बताया सनातन संस्कृति में गुरु का विशेष महत्व होता है. वेद पुराणों ने भी गुरु की महिमा को सर्वोपरि रखा है. संसार रूपी भवसागर से मुक्ति दिलाने का काम सिर्फ गुरु ही कर सकता है. गुरु जीव को अंधकार से प्रकाश की तरफ ले जाने के साथ कल्याण मार्ग की तरफ ले जाते हैं. उन्होंने कहा जिस प्रकार वेध मरीज को मर्ज की दवा देता है, उस पर मरीज विश्वास कर उस दवा को ग्रहण करता है. ठीक उसी तरह गुरु भी संसार रूपी बीमारी झूठ, फरेब, निंदा आदि का उपचार सत्संग रूपी दवा देकर करता है. जिससे जीव का कल्याण होता है. हर युग में गुरु का विशेष महत्व रहा है. भगवान ने भी मनुष्य का अवतार लेकर गुरु परंपरा का निर्वहन कर समाज को संदेश दिया है.