नीमच

जैन दिवाकर जयंती उत्सव जैन दिवाकर चालीसा पाठ व सांस्कृतिक कार्यक्रमआज, चौथमल जी महाराज साहब पूरे देश में शाकाहार और जीव दया के परिचायक थे – प्रवर्तकश्री विजयमुनिजी म. सा

 जैन दिवाकर जयंती उत्सव जैन दिवाकर चालीसा पाठ व सांस्कृतिक कार्यक्रमआज,
चौथमल जी महाराज साहब पूरे देश में शाकाहार और जीव दया के परिचायक थे – प्रवर्तकश्री विजयमुनिजी म. सा

नीमच। चौथमल जी महाराज साहब शाकाहार और जीव दया के परिचायक थे। चौथमल जी महाराज साहब ने झोपड़ी से लेकर महल तक लोगों को प्रेरणा देकर अहिंसा से जोड़ा और जीव दया का भाव फैलाया। उन्होंने अनेकों राजाओं को शाकाहार से जोड़कर संसार को एक अनूठी प्रेरणा प्रदान की थी। आधुनिक युग में वैज्ञानिक भी शाकाहार में विश्वास कर रहे हैं। यह बात वर्षों पहले चौथमल जी महाराज ने सभी देशवासियों को बताई थी जो आज के आधुनिक युग में सही साबित हो रही है।
यह बात जैन दिवाकरीय श्रमण संघीय, पूज्य प्रवर्तक, कविरत्न श्री विजयमुनिजी म. सा. ने कही। वे श्री वर्धमान जैन स्थानकवासी श्रावक संघ के तत्वावधान में नीमच सिटी स्थित श्री वर्धमान जैन दिवाकर भवन पर दिवाकर जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित धर्मसभा में बोल रहे थे। शनिवार को प्रवर्तक विजय मुनि जी महाराज साहब के सानिध्य में नीमच सिटी स्थित दिवाकर भवन में गुरु जैन दिवाकर गुरुदेव श्री चौथमल जी महाराज साहब की जयंती सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रवर्तक मुनि श्री ने कहा कि समाज में सुधार के लिए महंगे और खर्चीली आयोजनों पर नियंत्रण होना चाहिए ताकि समाज में समानता रहे । वैवाहिक मांगलिक कार्यक्रम में न्यूनतम 11 वस्तुएं निर्माण करना चाहिए ताकि लोग झूठा नहीं छोड़े। बिगाड़ा नहीं हो। युवा वर्ग में धर्म संस्कार की शिक्षा प्रदान करनी होगी तभी धर्म संस्कृति के साथ समाज की रक्षा हो सकेगी।उप प्रवर्तक श्री चंद्रेश मुनि जी महाराज साहब ने कहा कि दीक्षा लेने वाला मृत्यु से कभी नहीं डरता है। चौथमल जी महाराज साहब जहां- जहां जाते थे वहां लोगों का मेला लग जाता था। चौथमल जी महाराज साहब ने जीव हिंसा, मदिरापान,मांसाहार नहीं करने का संकल्प दिलाकर पूरे देश में क्रांतिकारी परिवर्तन का शंखनाद किया था।

साध्वी डॉक्टर विजया सुमन श्री जी महाराज साहब ने कहा कि चौथमल जी महाराज साहब, कस्तूरचंद जी महाराज साहब , मोहन मुनि जी महाराज साहब का जीवन जीव दया का परिचायक रहा है। जियो और जीने दो का संदेश उन्होंने पूरे संसार को दिया था जो आज भी आदर्श प्रेरणादाई प्रसंग है। विधायक दिलीप सिंह परिहार ने कहा कि महान संतों ने हमेशा देश में सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास जियो और जीने दो का संदेश दिया है। धर्म न्याय के मार्ग पर चलने की शिक्षा प्रदान की है दीन दुखियों की सेवा का संदेश दिया है। गुरुओं के मार्गदर्शन में ही भारत विश्व शिखर की ओर आगे बढ़ रहा है। इस अवसर पर श्रीमती रानी राणा, माया कांठेड़, आशा सांभर, भंवरलाल देश लहरा, विजय बाफना, अभय जी सुराणा जावरा ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में अभय श्रीमाल रिंगनोद, सचिन श्रीमाल पुणे ,मनीष भटेवरा निम्बोद कांतिलाल पुणे, अभय सुराणा जावरा ,राजेंद्र जी तरावत कोयंबटूर, अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
इस अवसर पर शनिवार सुबह जैन दिवाकर चिकित्सालय में रोगियों को फल एवं गायों को हरे चारा वितरण का आयोजन किया गया इसमें सभी समाज जनों ने उत्साह के साथ भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन विजय बाफना ने किया तथा आभार श्री संघ अध्यक्ष उमराव सिंह राठौड़ ने व्यक्त किया।

चौथमल जी महाराज साहब जैन दिवाकर चालीसा पाठ आज
जैन दिवाकर महिला मंडल नीमच छावनी की अध्यक्ष श्रीमती रानी राणा, सचिव सीमा चोपड़ा, कोषाध्यक्ष सुरेखा चंडालिया ने बताया कि गुरु चौथमल जी महाराज साहब जैन दिवाकर के 146 वें जयंती महोत्सव के पावन उपलक्ष्य एवं कार्यक्रम की श्रृंखला में शनिवार 25 नवंबर को शासकीय अस्पताल में प्रातः 9ः बजे फल फ्रूट बिस्किट एवं गायों का हरा चारा वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। रविवार 26 नवंबर को सुबह 9 बजे जैन दिवाकर का चालीसा पाठ आयोजित किया जाएगा। चौथमल जी महाराज साहब जैन दिवाकर के जीवन चरित्र पर आधारित नाटिका की प्रस्तुती हे विशेष धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। दो भाग्यशाली विजेताओं के ड्रॉ खोलकर सम्मानित किया जाएगा। ड्रॉ के धर्म लाभार्थी श्रीमती संगीता राजेंद्र जारोली तथा मंजू सावर लाल कांठेड़ परिवार थे। दोपहर 1 बजे बच्चों की धार्मिक फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता 11 वर्ष से ऊपर आयू की आयोजित की जाएगी। हॉस्पिटल में फल वितरण कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।
27 नवंबर को सुबह 9 बजे लोका शाह जयंती एवं विदाई समारोह आयोजित किया जाएगा।
इस अवसर पर धार्मिक तपस्या पूर्ण होने पर सभी ने सामूहिक अनुमोदना की।
धर्म सभा में उपप्रवर्तक श्री चन्द्रेशमुनिजी म. सा, अभिजीतमुनिजी म. सा., अरिहंतमुनिजी म. सा., ठाणा 4 व अरिहंत आराधिका तपस्विनी श्री विजया श्रीजी म. सा. आदि ठाणा का सानिध्य मिला। चातुर्मासिक मंगल धर्मसभा में सैकड़ों समाज जनों ने बड़ी संख्या में उत्साह के साथ भाग लिया और संत दर्शन कर आशीर्वाद ग्रहण किया। धर्म सभा का संचालन विजय बाफना ने किया ।

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